तेजस मार्क 1ए लड़ाकू विमानों के लिए इंजन की कमी! एचएएल के अधिकारी परेशान, जानें मामला

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 19, 2024 11:56 AM2024-01-19T11:56:06+5:302024-01-19T11:57:34+5:30

वायुसेना के लिए 55,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान खरीदने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है। एचएएल ने 2025-26 तक तेजस एमके1ए जेट विमानों का उत्पादन बढ़ाकर प्रति वर्ष 16 करने और अंततः एक नई उत्पादन लाइन बनाकर 24 विमान प्रति वर्ष तक करने की योजना बनाई है।

Engine shortage for Tejas Mark 1A fighter planes HAL officials worried know the matter | तेजस मार्क 1ए लड़ाकू विमानों के लिए इंजन की कमी! एचएएल के अधिकारी परेशान, जानें मामला

तेजस मार्क 1ए लड़ाकू विमानों का निर्माण स्वदेशी कंपनी एचएएल कर रही है

Highlightsभारतीय वायुसेना अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में जुटी हैतेजस मार्क 1ए लड़ाकू विमानों का निर्माण स्वदेशी कंपनी एचएएल कर रही हैलेकिन इसका इंजन विदेशी है, GE एयरोस्पेस इसकी इंजन बनाती है

नई दिल्ली: पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर दोहरी चुनौती को देखते हुए भारतीय वायुसेना अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में जुटी है। इसके लिए वायुसेना अपने बेड़े में बड़ी संख्या में देश में बने तेजस मार्क 1ए लड़ाकू विमानों को शामिल करने की योजना पर काम कर रही है। लेकिन भारतीय वायु सेना की महत्वाकांक्षा को इंजन उत्पादन में बाधा के कारण रुकावट का सामना करना पड़ रहा है। 

दरअसल तेजस मार्क 1ए लड़ाकू विमानों का निर्माण भले ही स्वदेशी कंपनी एचएएल कर रही हो लेकिन इसका इंजन विदेशी है। GE एयरोस्पेस इसकी इंजन बनाती है। रक्षा मामलों को कवर करने वाले समाचार पोर्टल इंडियन डिफेंस रिचर्स विंग के अनुसार GE एयरोस्पेस ने F404-GE-IN20 इंजन का निर्माण भी शुरू कर दिया है लेकिन प्रति वर्ष 20 इकाइयों का उनका सीमित उत्पादन एचएएल के महत्वाकांक्षी उत्पादन लक्ष्यों में काफी बाधा डाल सकता है।

फिलहाल एचएएल एक साल में 8 लड़ाकू विमानों का निर्माण करती है। लेकिन एचएएल ने 2025-26 तक तेजस एमके1ए जेट विमानों का उत्पादन बढ़ाकर  प्रति वर्ष 16 करने और अंततः एक नई उत्पादन लाइन बनाकर 24 विमान प्रति वर्ष तक करने की योजना बनाई है। हालाँकि, GE एयरोस्पेस प्रति वर्ष 20 इंजन ही बना सकता है। सालाना केवल 20 इंजन उपलब्ध होने से 24 विमान प्रति वर्ष का 24 विमान प्रति वर्ष मुश्किल हो गया है।

बता दें कि वायुसेना के लिए  55,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान खरीदने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है।  फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) के साथ  46,898 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत पहले ही  83 ऐसे जेट विमानों का सौदा हो चुका है। 97 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान शामिल होने के बाद इनकी संख्या 180 हो जाएगी। ये 180 तेजस जेट भारतीय वायुसेना के लिए अपने लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो घटकर केवल 31 रह गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए कम से कम 42 की आवश्यकता है। 

वायुसेना ने पहले जिन 83 LCA मार्क-1A का आॉर्डर दिया था उनकी डिलीवरी साल 2024 में हो सकती है। बता दें कि मौजूदा समय में भी वायुसेना तेजस विमानों का संचालन करती है लेकिन  मार्क-1A पहले के वर्जन से ज्यादा एडवांस हैं। इसी तरह एलसीए मार्क-2 विमान पांचवीं पीढी के लड़ाकू विमान होंगे और इनमें अत्याधुनिक तकनीक इस्तेमाल की जाएगी।

Web Title: Engine shortage for Tejas Mark 1A fighter planes HAL officials worried know the matter

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