सावन हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीनों में गिना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार सावन का माह आषाढ़ के बाद आता है। सावन के महीने को ही श्रावण मास भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि ये माह भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इसलिए इस महीने में उनकी पूजा का विशेष महत्व है। Read More
झारखड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम मंदिर में सालों से सावन में भगवान शंकर को जल चढ़ाने की परंपरा रही है। इस लिहाज से यहां श्रावण मास में भक्तों की भीड़ काफी बढ़ जाती है। ...
हरियाली तीज उत्सव को भी भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। ...
मधुश्रावणी व्रत महिलाएं मायके में मनाती हैं। इस दौरान नवविवाहिता नमक नहीं खाती हैं और जमीन पर सोती हैं। रात में वे ससुराल से आए अन्न से ही तैयार भोजन ग्रहण करती हैं। ...
सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखने के साथ-साथ सावन शिवरात्रि का भी काफी महत्व है। मान्यता है कि सावन में सोमवार व्रत और शिवरात्रि में पूजा करने से भगवान भोलेनाथ सभी कष्ट दूर करते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। फाल्गुन और सावन मास में पड़ने वाल ...
मान्यता है कि सावन में शिव मंदिर जाने से भोलेनाथ का आशीर्वाद शीघ्र मिलता है। तो आज हम आपको दो प्राचीन एवं प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में बता रहे हैं ...