संजीव भट्ट गुजरात कैडर के बर्खास्त आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने 2002 में गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे। संजीव भट्ट सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गए थे। उन्हें 30 साल पुराने मामले में जामनगर की एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। Read More
साल 2002 के गोधरा दंगे के मामले में अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को बनासकांठा जिले के पालनपुर जेल से मंगलवार को गिरफ्तार किया और ट्रांसफर वारंट के जरिये अहमदाबाद ले आयी। इस मामले में तीस्ता सीतलवाड़ और राज्य के पूर्व पुल ...
संजीव भट्ट ने साल 1989 में एक सांप्रदायिक दंगे के दौरान एक सौ से अधिक व्यक्तियों को हिरासत में लिया था और इन्हीं में से एक व्यक्ति की रिहाई होने के बाद अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। इस घटना के वक्त वह गुजरात के जामनगर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद ...
पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गुजरात के जामनगर सेशन कोर्ट ने कस्टडी में मौत का दोषी पाया है। 1990 के इस मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामला 30 साल पुराने प्रभुदास माधवजी वैशनानी की मौत से जुड़ा है। ...
अभियोजन के अनुसार संजीव भट्ट ने एक सांप्रदायिक दंगे के दौरान एक सौ से अधिक व्यक्तियों को हिरासत में लिया था और इन्हीं में से एक व्यक्ति की रिहाई होने के बाद अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी। ...