Sanjiv Bhatt: पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को 20 साल जेल की सजा, 28 साल मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, जानें मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 28, 2024 06:36 PM2024-03-28T18:36:43+5:302024-03-28T19:02:18+5:30

Sanjiv Bhatt: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे एन ठक्कर ने भट्ट को राजस्थान के एक वकील को झूठा फंसाने का दोषी ठहराया।

Ex-IPS officer Sanjiv Bhatt gets 20-year jail term in 1996 drug planting case court sentenced him to 28 years NDPS court in Gujarat’s Banaskantha | Sanjiv Bhatt: पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को 20 साल जेल की सजा, 28 साल मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, जानें मामला

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Highlights2015 में भारतीय पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।उच्चतम न्यायालय ने हालांकि भट्ट की याचिका खारिज कर दी थी।

Sanjiv Bhatt: गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर शहर की सत्र अदालत ने वकील को फंसाने के लिए मादक पदार्थ रखने के मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट को 20 साल जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने भट्ट को 1996 के मादक पदार्थ जब्ती मामले में बुधवार को दोषी करार दिया था। आपराधिक मामले में भट्ट की यह दूसरी दोषसिद्धि है। उन्हें 2019 में जामनगर अदालत द्वारा हिरासत में मौत के मामले में दोषी पाया गया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे एन ठक्कर ने भट्ट को राजस्थान के एक वकील को झूठा फंसाने का दोषी ठहराया।

गुजरात में बनासकांठा जिले के पालनपुर की एक सत्र अदालत ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को एक वकील को फंसाने के लिए मादक पदार्थ रखने संबंधी 1996 के मामले में बृहस्पतिवार को 20 साल जेल की सजा सुनाई। भट्ट हिरासत में मौत के मामले में पहले से ही सलाखों के पीछे हैं। भट्ट को राजस्थान के एक वकील को झूठा फंसाने का दोषी ठहराया गया था।

जिला पुलिस ने यह दावा किया था कि उसने पालनपुर के एक होटल के उस कमरे से मादक पदार्थ जब्त किया था जहां वकील रह रहे थे। भट्ट को 2015 में भारतीय पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। उस समय वह बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत थे। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जे एन ठक्कर ने भट्ट को स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत बुधवार को दोषी ठहराया था। भट्ट को 2015 में भारतीय पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

उस समय वह बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत थे। जिला पुलिस ने राजस्थान के वकील सुमेरसिंह राजपुरोहित को 1996 में स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। जिला पुलिस ने यह दावा किया था कि उसने पालनपुर के एक होटल के उस कमरे से मादक पदार्थ जब्त किया था, जहां वकील राजपुरोहित रह रहे थे। पूर्व पुलिस अधिकारी की पत्नी श्वेता ने इस फैसले को लेकर निराशा व्यक्त की।

राजस्थान पुलिस ने हालांकि बाद में कहा कि राजपुरोहित को बनासकांठा पुलिस ने राजस्थान के पाली में स्थित एक विवादित संपत्ति को स्थानांतरित करने के वास्ते दबाव बनाने के लिए झूठा फंसाया था। पूर्व पुलिस निरीक्षक आई बी व्यास ने मामले की गहन जांच का अनुरोध करते हुए 1999 में गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया था।

भट्ट को राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने सितंबर 2018 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार किया था और तब से वह पालनपुर उप-जेल में हैं। पिछले साल, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने 28 साल पुराने मादक पदार्थ मामले में पक्षपात का आरोप लगाते हुए मुकदमे को किसी अन्य सत्र अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने निचली अदालत की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग के लिए निर्देश भी मांगे थे। उच्चतम न्यायालय ने हालांकि भट्ट की याचिका खारिज कर दी थी।

Web Title: Ex-IPS officer Sanjiv Bhatt gets 20-year jail term in 1996 drug planting case court sentenced him to 28 years NDPS court in Gujarat’s Banaskantha

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