30 साल पुराना वह मामला जिसमें बर्खास्त IPS अधिकारी संजीव भट्ट को मिली उम्रकैद की सजा, यहां पढ़ें

By आदित्य द्विवेदी | Published: June 20, 2019 01:42 PM2019-06-20T13:42:10+5:302019-06-20T14:55:05+5:30

पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गुजरात के जामनगर सेशन कोर्ट ने कस्टडी में मौत का दोषी पाया है। 1990 के इस मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामला 30 साल पुराने प्रभुदास माधवजी वैशनानी की मौत से जुड़ा है।

Former IPS Officer Sanjiv Bhatt Sentenced To Life Imprisonment In 30 Year Old Custodial Death Case | 30 साल पुराना वह मामला जिसमें बर्खास्त IPS अधिकारी संजीव भट्ट को मिली उम्रकैद की सजा, यहां पढ़ें

30 साल पुराना वह मामला जिसमें बर्खास्त IPS अधिकारी संजीव भट्ट को मिली उम्रकैद की सजा, यहां पढ़ें

Highlightsपूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गुजरात के जामनगर सेशन कोर्ट ने कस्टडी में मौत का दोषी पाया है। 1989 के इस मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामला 30 साल पुराने प्रभुदास माधवजी वैशनानी की मौत से जुड़ा है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को गुजरात के जामनगर सेशन कोर्ट ने कस्टडी में मौत का दोषी पाया है। 1990 के इस मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामला 30 साल पुराने प्रभुदास माधवजी वैशनानी की मौत से जुड़ा है। उस वक्त संजीव भट्ट जामनगर के एसीपी थे।

'भारत बंद' के दौरान उपद्रव करने पर प्रभुदास समेत 150 लोगों को पुलिस कस्टडी में जेल भेजा गया था। प्रभुदास को नौ दिन की कस्टडी में रखा गया था। जमानत पर रिहा होने के बाद गुर्दा फेल होने से उनकी मौत हो गई थी। प्रभुदास की मौत के बाद संजीव भट्ट समेत कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ हिरासत में टॉर्चर का मुकदमा दर्ज किया गया।

संजीव भट्ट को बगैर अनुमति के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने और सरकारी वाहन का दुरुपयोग करने के आरोप में 2011 में निलंबित किया गया था और बाद में अगस्त, 2015 में उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। भट्ट 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। फिलहाल संजीव भट्ट 1996 के ड्रग प्लांटिंग केस में हिरासत में हैं। 

इससे पहले 12 जून को सुप्रीम कोर्ट ने हिरासत में मौत के 30 साल पुराने एक मामले में 11 अतिरिक्त गवाहों का परीक्षण करने का अनुरोध करने वाली बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। संजीव ने शीर्ष अदालत का रुख कर कहा था कि मामले में एक उचित और निष्पक्ष फैसले तक पहुंचने के लिए इन 11 गवाहों का परीक्षण जरूरी है।

हालांकि, गुजरात पुलिस ने उनकी इस याचिका का सख्त विरोध करते हुए न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाशकालीन पीठ से कहा कि यह मामले के फैसले में विलंब करने का एक हथकंडा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

Web Title: Former IPS Officer Sanjiv Bhatt Sentenced To Life Imprisonment In 30 Year Old Custodial Death Case

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