भारत में जब किसी विपक्षी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है तो वह अविश्वास प्रस्ताव पेश करता है। इसके लिए वह सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर को इसकी लिखित में सूचना देता है। इसके बाद स्पीकर उसी दल के किसी सांसद से इसे पेश करने के लिए कहता है। अविश्वास प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है, जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो। Read More
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सहित अन्य पर कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर सरकारी कार्यालयों में पार्टी करने का आरोप है। इस मामले को पार्टीगेट करार दिया गया है। ...
भारतीय राजनीति में सत्ता पक्ष को बहुमत की कसौटी पर परखने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का इस्तेमाल अक्सर किया जाता रहा है लेकिन देश में मनमोहन सिंह की सरकार ने भी एक बार विपक्ष को चुनौती देते हुए विश्वास प्रस्ताव का इस्तेमाल किया था. ...
यह पूछे जाने पर कि क्या आप कांग्रेस जैसी पार्टियों के साथ भाजपा विरोधी मोर्चा में शामिल होने को तैयार है तो उन्होंने कहा कि फिलहाल उनकी पार्टी ऐसे किसी भी मोर्चे का हिस्सा नहीं है। ...
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे , अनुराग ठाकुर , दुष्यंत सिंह और प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष को नोटिस दिया है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि सदन के नियमों के अनुसार किसी सदस्य के खिलाफ आरोप लगाने से पहले गांधी को नोटिस देना चाहिये था। ...
लेकिन आंख मारने को लेकर कड़ी आलोचना झेल रहे राहुल गांधी के बारे में विशेषज्ञों का कुछ और ही कहना है। उनकी माने तो ये एक बेहद ही स्वभाविक प्रक्रिया थी, जो दो दोस्त के बीच हुई है। ...