नर्क चतुर्दशी या फिर नरक चौदस, यह पर्व दीपावली से ठीक एक दिन पहले आता है। इसदिन नरक से मुक्ति पाने के लिए यमराज की पूजा की जाती है। शाम होने पर लोग अपने घरों में दीपदान करते हैं। ये डीप नर्क के राजा यमराज के लिए जलाए जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यमराज प्रसन्न हो जाएं, पापों को क्षमा कर दें और नरक की यातनाओं से मुक्ति दिला दें। नर्क चतुर्दशी से एक दिन पहले धनतेरस, इससे अगले दिन दीपावली और फिर उससे अगले दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। Read More
Choti Diwali 2025:इस वर्ष नरक चतुर्दशी और दिवाली एक ही दिन, 20 अक्टूबर को पड़ रही है। जानिए यम दीप का महत्व और यह दुर्लभ संयोग हिंदू परंपरा में विशेष महत्व क्यों रखता है। ...
Choti Diwali 2025: छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, पर 14 दीये जलाने की परंपरा है, जिसका विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। ...
Chhoti Diwali 2024: भारत में बैंक की छुट्टियां अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती हैं और इसलिए आपको उनकी पुष्टि की गई छुट्टियों के कार्यक्रम के लिए अपनी स्थानीय बैंक शाखा से जांच करनी चाहिए। ...
रूप चौदस की शाम को अंधेरा गहराते समय रतलाम के त्रिवेणी मुक्तिधाम का यह नजारा देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते है। इनमे महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं। श्मशान स्थल पर पर्व की इस परंपरा को शहर की प्रेरणा संस्था द्वारा कुछ वर्षों पूर्व शुरु की गई ह ...
नरक चतुर्दशी 3 नवंबर को है। इसे काली चौदस, रूप चौदस और छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता ये है कि आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध कर उसके चंगुल से 16 हजार कन्याओं को मुक्त उन्हें सम्मान प्रदान किया था। ...