कर्नाटक के कलबुर्गी में रहने वाले एमपीएचएस सरकारी हाई स्कूल के क्लर्क बसवराव ने देश में एक अनोखी मिसाल पेश की है। दरअसल, कलबुर्गी के मक्तामपुर में रहने वाले बसवराव की बेटी धनेश्वरी गंभीर बीमरी से जूझ रही थी। बीते साल धनेश्वरी की मौत हो गई। ...
मैडमैन की कहानी पैडमैन और माउंटेनमैन से अलग है। कर्टनाटक में 82 साल के भेड़ चराने वाले कामेगौड़ा नाम के शख्स को उनके गांव व आसपास के लोग उनके नाम से नहीं बल्कि 'मैडमैन' के नाम से पहचानते है। ...
नागालैंड के फेक जिले में स्थित एक छोटा सा गांव चिजामी देश के अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बन गया है। हांलाकि, इस इलाके को अन्य जगहों के मुकाबले लोग कम ही जानते हैं लेकिन गांव में बीते एक दशक में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टी से हुए सामाजिक बदला ...
हम कई बार कॉर्पोरेट कंपनियों के सीएसआर (कॉमन सोशल रिस्पॉन्सब्लिटी) यानी सामाजिक दायित्व के बारे में तो सुनते हैं लेकिन ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब कंपनियां सिर्फ समाज और लोगों के कल्याण के लिए ही खोली जाती है या काम करती है। ...
महज 22 साल की उम्र में सैम्यूल ने अमेरिका में अपने आरामदायक जीवन को छोड़ने का मन बनाया और अमेरिका से दूर भारत भ्रमण का सोचा। उन्होंने भारत आकर हिमाचल के शिमला में कुष्ठ रोगियों की सेवा करने का फैसला किया। ...
बिहार की राजधानी से करीब 300 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है राजेश्वर पूर्वी। इस गांव में रहने वाले 50 वर्षीय महादलित मुसाहरू राम अपने गांव के अन्य लोगों के लिए हीरो बन गए हैं। वो भी तब, जब देश में दो धड़े जाती और धर्म के नाम पर बंटे नजर आते हैं। ...