#KuchhPositiveKarteHain: नागालैंड की मोनिषा ने संवारा हजारों नागा महिलाओं का भविष्य, गांव को भी बनाया मॉडल

By कोमल बड़ोदेकर | Published: August 4, 2018 05:15 PM2018-08-04T17:15:47+5:302018-08-04T17:21:28+5:30

नागालैंड के फेक जिले में स्थित एक छोटा सा गांव चिजामी देश के अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बन गया है। हांलाकि, इस इलाके को अन्य जगहों के मुकाबले लोग कम ही जानते हैं लेकिन गांव में बीते एक दशक में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टी से हुए सामाजिक बदलावों के चलते यह विकास के अद्वितीय मॉडल रूप में उभरकर सामने आया है।

nagaland phek chizami Monisha Behal Future for Hundreds of Naga Women | #KuchhPositiveKarteHain: नागालैंड की मोनिषा ने संवारा हजारों नागा महिलाओं का भविष्य, गांव को भी बनाया मॉडल

#KuchhPositiveKarteHain: नागालैंड की मोनिषा ने संवारा हजारों नागा महिलाओं का भविष्य, गांव को भी बनाया मॉडल

कोहिमा, 4 अगस्त।  नागालैंड के फेक जिले में स्थित एक छोटा सा गांव चिजामी देश के अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बन गया है। हांलाकि, इस इलाके को अन्य जगहों के मुकाबले लोग कम ही जानते हैं लेकिन गांव में बीते एक दशक में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टी से हुए सामाजिक बदलावों के चलते यह विकास के अद्वितीय मॉडल रूप में उभरकर सामने आया है। 

दरअसल, गांव की ही रहने वाली मोनिषा बहल नाम की एक महिला ने चिज़ामी विमेन सोसाइटी (सीडब्लूएस) की स्थापना की। ये सोसायटी नागा महिलाओं को सशक्त करने का काम करती है। सोसायटी से जुड़ी सेनो नाम की एक महिला पड़ोस के ही गांव में स्थित एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षक कार्यरत हैं लेकिन साथ ही वे इस संस्था से जुड़कर इलाकें अन्य महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक करने का काम कर रही है।   

मोनिषा ने नागा समाज में महिलाओं की सामूहिक ताकत को देखते हुए उस समय राज्य में बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था और स्वच्छता, पर्यावरण में सुधार के लिए महिलाओं को जोड़ उन्हें जागरुक करने का काम किया। 

द बेटर इंडिया की खबर के मुताबिक, यूं तो इस सोसायटी की स्थापना साल 1994 में हुई थी लेकिन एक दशक पहले इसे तेजी से सफलता मिलनी शुरू हुई। सोसायटी ने स्वास्थ्य समस्याओं, महिलाओं के अधिकारों, सामुदायिक कार्यक्रमों, खाद्य सुरक्षा, और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करते न सिर्फ दिन रात काम किया बल्कि देश के सामने एक असाधारण मॉडल प्रस्तुत किया।

गांव की महिलाएं सामुदायिक केन्द्रों में मिलजुल कर सिलाई कढ़ाई, बांस से बनने वाले सामानों को बनाने का काम करती है। इसके चलते हाशिए पर जा चुकी महिलाएं अब आर्थिक रूप से न सिर्फ सशक्त हैं बल्कि गांव में आए सकारात्कम परिवर्तन को उन्होंने अपने खून-पसीने से सींचकर एक नई पहचान भी दिलाई है।

Web Title: nagaland phek chizami Monisha Behal Future for Hundreds of Naga Women

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