#KuchhPositiveKarteHain: महादलित मुसाहरू राम हैं 'स्वच्छता हीरो', आंखों में रोशनी नहीं फिर भी गांव का नाम किया रोशन
By कोमल बड़ोदेकर | Published: August 3, 2018 02:51 PM2018-08-03T14:51:52+5:302018-08-03T17:15:19+5:30
बिहार की राजधानी से करीब 300 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है राजेश्वर पूर्वी। इस गांव में रहने वाले 50 वर्षीय महादलित मुसाहरू राम अपने गांव के अन्य लोगों के लिए हीरो बन गए हैं। वो भी तब, जब देश में दो धड़े जाती और धर्म के नाम पर बंटे नजर आते हैं।
पटना, 3 अगस्त।बिहार की राजधानी से करीब 300 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है राजेश्वर पूर्वी। इस गांव में रहने वाले 50 वर्षीय महादलित मुसाहरू राम अपने गांव के अन्य लोगों के लिए हीरो बन गए हैं। वो भी तब, जब देश में दो धड़े जाती और धर्म के नाम पर बंटे नजर आते हैं।
दरअसल, बिहार के सुपौल जिले से करीब 70 किलोमीटर अंदर स्थित राजेश्वरी गांव के रहने वाले मुसाहरू राम महादलित है। वे गांव के बाहर बनी महादलितों की बस्ती में रहते हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए जा रहे शौचालयों का लोगों ने जागरुकता की कमी के चलते विरोध किया।
अभियान से जुड़ी एक टीम ने मुसाहरू से बात की तो उन्होंने बताया कि मेरी सारी जिन्दगी ऐसे ही बीत गई है। मैं देख नहीं सकता। मैं समझ सकता हूं कि खुले में शौच करना कितना मुश्किल है। खासतौर से बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
मुसाहरू कहते हैं, मैं शौच करने के दौरान भीग जाता था, लेकिन अब कम से कम मेरी बच्चियों के साथ ऐसा नहीं होगा। मैं अपने यहां शौचालय बनवाऊंगा और बाकी लोगों को भी जागरूक करूंगा। मुसाहारू अब लोगों को शौचालय और स्वच्छता बनाए रखने के लिए ढपली बजाकर और गाना गाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।
ग्लुकोमा जैसी गंभीर बीमारी के चलते महज 22 साल की उम्र में मुसाहरू की आंख की रोशनी चली गई। मुसाहरी एक लोक गायक भी है जो अपने और आस-पास के गांवों में कार्यक्रमों के दौरान गीत गाते हैं। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। करीब 7 हजार की आबादी वाले इस गांव में अब वो 'स्वच्छता हीरो' बन चुके हैं।
इस बारे में गांव की सरपंच लक्ष्मी कहती हैं, गांव में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचलायों का निर्माण कार्य करीब 5 महीने पहले शुरू हुआ था। लगभग सभी गांवों में शौचालय बनकर तैयार हो चुके थे, लेकिन हमारी सबसे बड़ी चुनौती थी तमुआ टोला में शौचालयों का निर्माण करवाना।
तमुआ टोला वो जगह है जहां महादलति रहते हैं। हमने उनसे पहले कई बार इस मामले में बात कर चुके थे लेकिन वो तैयार नहीं हुए। इसके बाद हमारी मुलाकात मुसाहर से हुई। जहां न सिर्फ उसने हमारी बात मानी बल्कि फोल्क सिंगिग से पूरे गांव को जागरूक करने का बीड़ा उठाया। इस काम के लिए मुसाहर राम को सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है।
फोटो साभार: द बेटर इंडिया