भारतीय संविधान में भीड़ के द्वारा की गई हिंसा के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया था। इसका फायदा उठाकर भारत में कई वारदातों को भीड़ ने अंजाम दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग साल 1984 में हुई थी। जबकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि मॉब लिंचिंग का इंतिहास पुराना है। साल 1947 में जब हिन्दुस्तान को आजादी मिली और देश के दो टुकड़े हुए, भारत और पाकिस्तान, तब भी भीड़ ने कइयों को मौत के घाट उतार दिया था। तब उसे दंगे का नाम दिया गया था। लेकिन कई जगहों पर भारी मॉब लिंचिंग हुई थी। Read More
Bhilwara Mob Lynching: राजस्थान के भीलवाड़ा में एक 25 वर्षीय व्यक्ति को भीड़ ने सड़क पर बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। घटना के पीछे कथित कारण उसकी कार का सब्जी के ठेले से दुर्घटनावश टकरा जाना बताया जा रहा है। ...
Aligarh Mob Attack: रिपोर्टों के अनुसार, अब तक तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि स्थानीय दक्षिणपंथी नेताओं सहित एक दर्जन अन्य लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज किये गये हैं। ...
Attack on Police in Madhya Pradesh: आदिवासियों के एक समूह ने कथित तौर पर एक व्यक्ति का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी, फिर उसे बचाने का प्रयास करने वाली पुलिस टीम पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप शनिवार (15 मार्च) को मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में एक पुल ...
26 वर्षीय राकेश कुमार और 22 वर्षीय रमेश कुमार दोनों सगे भाई बताए जा रहे हैं। बिहार के शिवहर जिला के पुरनहिया थाना क्षेत्र के कोल्हुआ ठीकाहा के निवासी थे। तीसरा मृतक 24 वर्षीय तुलसी कुमार उर्फ तुलसी साह बिहार के मोतिहारी जिला के पताही का निवासी था। ...