महाकुंभ या कुंभ मेला हर 12 वर्षों में चार स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक पर आयोजित किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और राक्षसों का युद्ध 12 दिनों तक चला था। स्वर्ग का एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष के समान होता है। इसलिए महाकुंभ 12 वर्षों में चार बार किया जाता है।आदि शंकराचार्य द्वारा पहली इस महा उत्सव की शुरुआत की गई थी। उन्होंने ही चार मुख्य तीर्थों को कुंभ मेले के चार पीठ के रूप में स्थापित कराया था। कुंभ मेले के दौरान देश दुनिया से दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। सभी का एक ही मकसद होता है पवित्र स्नान में डुबकी लगाना। मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान करने से पिछले और इस जन्म के सभी पाप धुल जाते हैं। Read More
पश्चिम बंगाल के सागरद्वीप में आयोजित होने वाले सबसे लोकप्रिय मेलों में से एक गंगासागर मेला 8 जनवरी से 16 जनवरी 2022 तक आयोजित किया जाएगा। सर्दियों के दौरान आयोजित होने वाला गंगासागर मेला हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है जहां वे गंगा नदी में प ...
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कावड़ यात्रा श्रद्धा और आस्था का विषय है लेकिन श्रद्धा और आस्था का विषय भगवान से जुड़ा हुआ होता है और भगवान भी नहीं चाहेंगे कि किसी की जान जाए। ...
भारत में कोरोना संक्रमण ने हालात बिगाड़ के रख दिए हैं. श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में लाशों के अंबार को देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. ऐसे में एक बड़ी चुनौती हमारे सामने खड़ी है. ...
कोरोना से जब पूरी दुनिया जूझ रही है तो ये समय आपस में लड़ने या एक-दूसरे पर आरोप लगाने का नहीं है. ये मुश्किम दौर है और इससे बाहर आने के लिए सभी को एक-दूसरे का साथ देना होगा। ...
कुंभ मेले से दिल्ली लौट रहे लोगों के लिए नए गाइडलाइन जारी किए गए हैं। इसके तहत ऐसे लोगों को अपनी यात्रा की पूरी जानकारी दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर देनी होगी। ...