महाकुंभ या कुंभ मेला हर 12 वर्षों में चार स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक पर आयोजित किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और राक्षसों का युद्ध 12 दिनों तक चला था। स्वर्ग का एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष के समान होता है। इसलिए महाकुंभ 12 वर्षों में चार बार किया जाता है।आदि शंकराचार्य द्वारा पहली इस महा उत्सव की शुरुआत की गई थी। उन्होंने ही चार मुख्य तीर्थों को कुंभ मेले के चार पीठ के रूप में स्थापित कराया था। कुंभ मेले के दौरान देश दुनिया से दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। सभी का एक ही मकसद होता है पवित्र स्नान में डुबकी लगाना। मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान करने से पिछले और इस जन्म के सभी पाप धुल जाते हैं। Read More
उत्तराखंड और खासकर हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान जिस तरह कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ी पहल की है। पीएम मोदी ने संतों से अपील की है कि कोरोना संकट को देखते हुए कुंभ मेले को अब प्रतीकात्मक ही रखा जाए। ...
प्रयागराज कुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के लिए जमसमुद्र उमड़ पड़ा। शाम तक भीड़ का ऐसा दबाव बड़ा कि सारे इंतजाम फेल हो गए। मजबूरी में प्रशासन को आपात प्लान लागू करना पड़ा। वापसी के लिए जंक्शन पहुंच रहे श्रद्धालुओं को रास्ते में ही रोक दिया गया। जंक्शन ...
प्रयागराज के कुंभनगर में कुंभ के दूसरे शाही स्नान महापर्व, मौनी अमावस्या पर संगम में जनसमुद्र उमड़ पड़ा। कल देर रात से ही पतितपावनी गंगा, श्यामल यमुना व अदृश्य सरस्वती की मिलन स्थली यहां के पावन संगम में लोगों ने शुभ मुहूर्त में डुबकी लगनी शुरू कर दी ...