जूना अखाड़ा की तरफ से भी हुआ हरिद्वार कुंभ का समापन, पीएम मोदी की अपील पर स्वामी अवधेशानंद की घोषणा
By हरीश गुप्ता | Published: April 18, 2021 07:33 AM2021-04-18T07:33:09+5:302021-04-18T07:37:25+5:30
पीएम नरेंद्र मोदी की कुंभ को प्रतीकात्मक रखने की अपील के बाद सबसे बड़े जून अखाड़ा ने हरिद्वार कुंभ से अलग होने की घोषणा कर दी।
देहरादून: देश में साधुओं के 13 प्रमुख अखाड़ों में से एक जूना अखाड़ा ने शनिवार को हरिद्वार कुंभ से अपनी भागीदारी समाप्त करने की घोषणा कर दी. जूना अखाड़ा ने यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के कुछ घंटों बाद लिया.
पीएम मोदी ने अपनी अपील में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर हरिद्वार में चल रहे कुंभ में हिस्सेदारी सांकेतिक रखने को कहा था.
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने ट्वीट किया, ''भारत की जनता व उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुंभ के आवाहित समस्त देवताओं का विसर्जन कर दिया है. जूना अखाड़ा की ओर से यह कुंभ का विधिवत विसर्जन-समापन है.''
उन्होंने इसके साथ ही फैसले की प्रति भी साझा की है जिस पर उनके, जूना अखाड़ा के संरक्षक हरि गिरि, सचिवों महंत मोहन भारत व महंत महेश पुरी के हस्ताक्षर हैं.
फैसले में कहा गया है कि कुंभ के सभी आवाहित देवताओं का विसर्जन अखाड़ा के संतों के साथ परामर्श के बाद जनहित में किया गया है. इसमें कहा गया है कि देवताओं के विसर्जन के साथ हम सभी तीर्थों और सिद्धपीठों से भी प्रार्थना करते हैं कि वे हरिद्वार कुंभ मेला 2021 को विसर्जित-समापन घोषित करें.''
पीएम मोदी ने कुंभ को प्रतीकात्मक रखने को कहा था
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए. इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी. पीएम की तरफ से बातचीत के तुरंत बाद आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी ने ट्वीट कर कुंभ मेले में आने वाले लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने का आग्रह किया था।