महाकुंभ या कुंभ मेला हर 12 वर्षों में चार स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक पर आयोजित किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और राक्षसों का युद्ध 12 दिनों तक चला था। स्वर्ग का एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष के समान होता है। इसलिए महाकुंभ 12 वर्षों में चार बार किया जाता है।आदि शंकराचार्य द्वारा पहली इस महा उत्सव की शुरुआत की गई थी। उन्होंने ही चार मुख्य तीर्थों को कुंभ मेले के चार पीठ के रूप में स्थापित कराया था। कुंभ मेले के दौरान देश दुनिया से दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। सभी का एक ही मकसद होता है पवित्र स्नान में डुबकी लगाना। मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान करने से पिछले और इस जन्म के सभी पाप धुल जाते हैं। Read More
Mahakumbh Mela 2025:दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया जाएगा। ...
इस कदम का उद्देश्य जनवरी 2025 में होने वाले आगामी कुंभ मेले के लिए प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना और संचालन को सुव्यवस्थित करना है। अधिकारियों का मानना है कि यह रणनीतिक कदम बेहतर समन्वय और प्रशासन की सुविधा प्रदान करेगा जो तीर्थयात्रियों के साथ-साथ हित ...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के कई मंत्रियों को दूसरे प्रदेशों में जाकर महाकुंभ की ब्रांडिंग करने का टास्क दिया है, जिसके चलते योगी सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्री देश के कई राज्यों में रोड शो करेंगे। ...
Maha Kumbh Mela 2025: योगी सरकार के मंत्रियों की देखरेख में विदेशों में रोड शो होंगे। यूपी में विदेशी निवेश को लाने के लिए भी मंत्रियों की देखरेख में बीते साल ऐसे ही रोड शो आयोजित किए गए थे। ...
धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी द्वारा प्रयागराज में आगामी महाकुंभ के दौरान मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की मांग की आलोचना करने के एक दिन बाद आया है। ...