15 अगस्त 1947, वह दिन था जब भारत को ब्रिटिश राज से आज़ादी मिली और इस प्रकार एक नए युग की शुरुआत हुई जब भारत के मुक्त राष्ट्र के रूप में उठा। स्वतंत्रता दिवस के दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत के जन्म का आयोजन किया जाता है और भारतीय इतिहास में इस दिन का अत्यंत महत्व है। यह दिन हमारी आज़ादी का जश्न मनाने और उस सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने का अवसर होता है जिन्होंने इस महान कारण के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। Read More
मुख्यमंत्री ने राज्य के नये प्रतीक चिन्ह की विशेषताएं बताते हुए कहा कि इसमें अशोक स्तंभ को शामिल किया गया है जो राष्ट्र का प्रतीक चिन्ह होने के साथ राज्य की भी संप्रभुता का वाहक। ...
प्रधानमंत्री के सुबह सात बजकर 18 मिनट पर लाल किले के लाहौरी गेट पर पहुंचने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार उनकी अगवानी करेंगे। कुमार दिल्ली क्षेत्र के सामान्य कमान अधिकारी (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा को प्रधा ...
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में बलिदान देने वाले सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कोविंद ने कहा कि उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि हमारी आस्था शांति में होने पर भी, कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। ...
समुद्र के रास्ते लंबा सफर तय करके भारतीय हॉकी टीम हंगरी के खिलाफ पहले मैच से दो सप्ताह पहले बर्लिन पहुंची थी लेकिन अभ्यास मैच में जर्मन एकादश से 4-1 से हार गई... ...
थलसेना के ले. कर्नल कृष्ण सिंह रावत, मेजर अनिल उर्स और हवलदार आलोक कुमार दुबे को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। सेना के 31 जवानों को सेना (वीरता) पदक से सम्मानित किया गया है। ...
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को ...
अंधेरी रात में तिरंगा अपने शौर्य और वैभव की अलख बिखेरता नजर आता है. जंग-ए-आजादी के दौरान बापू तीन बार पूर्णिया आए. 1925, 1927 और फिर 1934 में. डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी कई बार पूर्णिया आए. जंग-ए-आजादी की लड़ाई में यह शहर सक्रिय केंद्र था. ...
जानकारी शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय ने दी। इसने कहा कि दो अतिथियों के बीच ‘‘दो गज की दूरी’’ के दिशानिर्देशों के तहत बैठने की व्यवस्था की गई है। इसने कहा कि सलामी गारद पेश करने वाले सदस्यों को पृथक-वास में रखा गया है। ...