चीन को परोक्ष संदेशः भारत की आस्था शांति में, राष्ट्रपति कोविंद बोले-किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देंगे, जवानों को श्रद्धांजलि

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 14, 2020 08:47 PM2020-08-14T20:47:52+5:302020-08-14T20:47:52+5:30

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है।

President Ram Nath Kovind china world community needs fight together against the greatest challenge before humanity, some in our neighbourhood | चीन को परोक्ष संदेशः भारत की आस्था शांति में, राष्ट्रपति कोविंद बोले-किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देंगे, जवानों को श्रद्धांजलि

भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। पूरा देश गलवान घाटी के शहीदों को नमन करता है।

Highlightsहमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया।आस्था शांति में होने पर भी, कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सीमा गतिरोध के बीच चीन को परोक्ष संदेश देते हुए शुक्रवार को कड़े शब्दों में कहा कि भारत की आस्था शांति में है लेकिन किसी भी आक्रामक प्रयास का वह मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।

74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में चीन का नाम लिए बिना कहा, ‘‘आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती(कोविड-19) से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया।’’

गलवान घाटी में बलिदान देने वाले सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि

पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में बलिदान देने वाले सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कोविंद ने कहा कि उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि हमारी आस्था शांति में होने पर भी, कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। पूरा देश गलवान घाटी के शहीदों को नमन करता है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें अपने सशस्त्र बलों, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों पर गर्व है जो सीमाओं की रक्षा करते हैं, और हमारी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।’’

राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का जिक्र किया और विदेशी निवेशकर्ताओं की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता का अर्थ स्वयं सक्षम होना है, दुनिया से अलगाव या दूरी बनाना नहीं। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ यह भी है कि भारत वैश्विक बाज़ार व्यवस्था में शामिल भी रहेगा और अपनी विशेष पहचान भी कायम रखेगा।

डाक्टरों, नर्सो और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान की प्रशंसा

कोरोना महामारी के संबंध में उन्होंने डाक्टरों, नर्सो और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश उनका रिणी है जो लगातार अग्रिम मोर्चे पर इस महामारी से लोहा ले रहे हैं । उन्होंने साथ ही कहा,‘‘ अपने सामर्थ्य में विश्वास के बल पर, हमने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है। अन्य देशों के अनुरोध पर, दवाओं की आपूर्ति करके, हमने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि भारत संकट की घड़ी में, विश्व समुदाय के साथ खड़ा रहता है।’’

केवल दस दिन पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ

अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि केवल दस दिन पहले अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का शुभारंभ हुआ है और देशवासियों को गौरव की अनुभूति हुई है। उन्होंने कहा कि देशवासियों ने लम्बे समय तक धैर्य और संयम का परिचय दिया और न्याय में आस्था को कायम रखा।

श्रीराम जन्मभूमि संबंधी न्यायिक प्रकरण को समुचित न्याय प्रक्रिया से सुलझाया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि सभी पक्षों और देशवासियों ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय को सम्मान के साथ स्वीकार किया और शांति , अहिंसा, प्रेम और सौहार्द के अपने जीवन मूल्यों को विश्व के समक्ष पुन: प्रस्तुत किया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए, हाल ही में सम्पन्न चुनावों में भारत को मिले भारी समर्थन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत के प्रति व्यापक अंतरराष्ट्रीय सद्भावना का प्रमाण है। कोविंद ने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी और इसका कारण स्पष्ट है।

पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है। उन्होंने कहा कि इन असाधारण प्रयासों के बल पर, घनी आबादी और विविध परिस्थितियों वाले हमारे विशाल देश में, इस चुनौती का सामना किया जा रहा है। राज्य सरकारों ने स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की। जनता ने पूरा सहयोग दिया।

Web Title: President Ram Nath Kovind china world community needs fight together against the greatest challenge before humanity, some in our neighbourhood

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