आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
रविवार गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी बनाने की तैयारियों के बीच कहा कि वह अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर लोगों को गुमराह नहीं करेंगे, क्योंकि संसद में केवल दो तिहाई बहुमत वाली सरकार ही प्रावधान की बहाली सुनिश्चित कर सकती है। ...
जम्मू में रैली को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आजाद ने सिर्फ दो मुद्दे ही उठाए थे। पहला प्रदेश को राज्य का दर्जा वापस दिलवाना और दूसरा जमीन व नौकरियों पर सिर्फ राज्यवासियों का अधिकार होना। ...
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक साक्षात्कार में कहा कि आतंकवादी हमलों को किसी धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि घाटी में पाकिस्तान का अब कोई प्रभाव नहीं है और कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से कोई बात नहीं होगी। ...
भारत ने जम्मू-कश्मीर पर दिए गए बयान के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को आड़े हाथ लिया है। ओआईसी द्वारा जारी किए गए बयान का जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ओआईसी के बयानों से स्पष्ट है कि वह आतंकवाद के जरिए चल ...
घाटी में अलगाववादियों और धार्मिक चरमपंथियों पर लगातार दबाव बनाने से 5 अगस्त 2019 के बाद से कानून-व्यवस्था की घटनाओं में 600 प्रतिशत की गिरावट आई है। ...
जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को समाप्त करने के तीन साल पूरे होने पर इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने कहा है कि तीन साल पहले भारत सरकार ने गैर कानूनी रूप से एकतरफा फैसला किया था। अपने बयान में ओआईसी ने कहा है कि भारत ने एकतरफा कई गैर कानूनी फैसले ले ...
पाकिस्तान के पीएम बनने के बाद अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में देश में आर्थिक संकट के लिए पूर्व पीएम इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया। शरीफ का यह संबोधन देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के एक दिन बाद आया है। ...