कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं होगी, घाटी में पत्थरबाजी अब इतिहास की बात- मनोज सिन्हा
By शिवेंद्र राय | Published: August 19, 2022 01:07 PM2022-08-19T13:07:18+5:302022-08-19T13:09:27+5:30
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक साक्षात्कार में कहा कि आतंकवादी हमलों को किसी धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि घाटी में पाकिस्तान का अब कोई प्रभाव नहीं है और कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से कोई बात नहीं होगी।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात और लगातार हो रही आतंकी घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि कश्मीर मसले पर पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत करने की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में पाकिस्तान का अब कोई प्रभाव नहीं है और वह समय गया जब पाकिस्तान से जारी फरमान पर कश्मीर में दुकानें बंद हो जाती थीं।
मनोज सिन्हा ने कहा, "अब दिल्ली या जम्मू-कश्मीर का प्रशासन शांति खरीदने में नहीं बल्कि शांति स्थापित करने में विश्वास करता है। अगर बात करनी है तो यहां के लोगों से बात होगी। यहां के नौजवानों से बात करनी है। हम पाकिस्तान से बात करने की न जरूरत समझते हैं , न उससे कुछ होने वाला है।"
'बीबीसी हिंदी' को दिए एक साक्षात्कार में मनोज सिन्हा ने घाटी में लगातर हो रही टारगेट किलिंग और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं को आतंकवादी हमला कहा। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया गया था। इसके बाद से घाटी में हुए परिवर्तनों पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 लागू था तब तक यहां देश की संसद में बने कानूनों का फायदा आम नागरिकों को नहीं मिलता था। शिक्षा का अधिकार जैसे कानून कश्मीर में नहीं लागू होते थे। लेकिन अब 890 ऐसे कानून हैं जो जम्मू-कश्मीर में भी लागू हो गए हैं।
घाटी में कश्मीरी पंडितों को लगातार निशाना बनाए जाने की घटनाओं पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ये सच है कि कुछ कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाते हुए हमले हुए हैं मगर आतंकवादी हमलों को किसी धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। आतंकवादी हमलों में कश्मीरी मुसलमानों की भी जान गई है।
पहले यहां सड़कों पर 125-150 निर्दोष लोग मारे जाते थे, पिछले तीन सालों में एक भी व्यक्ति सुरक्षा बलों की गोलियों से नहीं मारा गया है।"
मनोज सिन्हा ने कहा कि घाटी में पत्थरबाजी और हड़ताल अब इतिहास की बात हो गई है। नागरिक और नौजवान इन बातों से अब ऊब गए हैं और वो देश के लोगों के साथ जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब भी थोड़ी संख्या में तत्व हैं जो पड़ोसी देश के इशारे पर काम करते हैं और इस तरह की बातें फैलाते हैं।