इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने कश्मीर पर की टिप्पड़ी, धारा 370 हटाने के निर्णय को भारत सरकार का एकतरफा फैसला बताया
By शिवेंद्र राय | Published: August 5, 2022 05:51 PM2022-08-05T17:51:49+5:302022-08-05T17:55:03+5:30
जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को समाप्त करने के तीन साल पूरे होने पर इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने कहा है कि तीन साल पहले भारत सरकार ने गैर कानूनी रूप से एकतरफा फैसला किया था। अपने बयान में ओआईसी ने कहा है कि भारत ने एकतरफा कई गैर कानूनी फैसले लेकर भू-राजनीतिक बदलाव किए।
नई दिल्ली: इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के तीन साल पूरे होने पर कहा है कि तीन साल पहले भारत सरकार ने गैर कानूनी रूप से एकतरफा फैसला किया था। अपने बयान में ओआईसी ने कश्मीरियों के मानवाधिकार की बात करते हुए भारत सरकार से अपने सभी फैसले वापस लेने की बात कही है। ओआईसी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि जम्मू और कश्मीर पर इस्लामिक शिखर सम्मेलन और विदेश मंत्रियों की परिषद के प्रस्तावों को याद करते हुए महासचिव ने कश्मीरियों के आत्मनिर्णय अधिकार की प्राप्ति में उनके साथ एकजुटता का संकल्प दोहराया। अपने बयान में ओआईसी ने कहा है कि भारत ने एकतरफा कई गैर कानूनी फैसले लेकर भू-राजनीतिक बदलाव किए। ओआईसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत जम्मू-कश्मीर विवाद के हल के लिए उचित कदम उठाए।
#August 5, 2022 marks the third anniversary of the illegal and unilateral actions taken in the #Indian Illegally Occupied #Jammu and #Kashmir, which were followed by additional unlawful measures including illegal demographic changes. pic.twitter.com/Giq9ciOCgV
— OIC (@OIC_OCI) August 4, 2022
बता दें कि आज से तीन साल पहले 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को समाप्त कर दिया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा भी समाप्त हो गया था। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। धारा 370 के तहत जम्मू और कश्मीर के निवासियों की नागरिकता, संपत्ति के स्वामित्व और मौलिक अधिकारों का कानून शेष भारत में रहने वाले निवासियों से अलग था। अनुच्छेद 370 के तहत, अन्य राज्यों के नागरिक जम्मू-कश्मीर में संपत्ति नहीं खरीद सकते थे। इसकी वजह से जम्मू और कश्मीर में केद्र की स्थिति कमजोर हो जाती थी।
इमरान खान ने भी कश्मीर राग अलापा
जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को समाप्त करने के तीन साल पूरे होने पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी कश्मीर राग अलापा। इमरान ख़ान ने ट्वीट कर लिखा कि मोदी सरकार ने भारत के कब्जे वाले कश्मीर की डेमोग्राफी बदल कर चौथे जिनेवा समझौते के तहत युद्ध अपराध भी किया है। इमरान खान ने कहा कि इससे कश्मीरियों का प्रतिरोध और मजबूत हुआ है और आगे भी मजबूत होगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भारत से डरने का आरोप लगाते हुए इमरान खान ने लिखा, "हमसे कहा जाता है कि हम मानवाधिकार के मुद्दे पर आलोचनाओं का साथ दें, लेकिन जब भारत और कश्मीर में उसके मानवाधिकार उल्लंघन की बात आती है तो वही शक्तियां भारत के बाजार के कारण खामोश हो जाती हैं।
On 5 Aug 2019 Modi govt violated UN SC resolutions & int law by illegally revoking Special Status of IIOJK. Modi govt then moved to commit a war crime under Fourth Geneva Convention by altering demography of IIOJK. They assumed the moves would crush spirit of Kashmiri resistance
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 5, 2022