सदाअत हसन मंटो: जिन्होंने कहा, 'मैं अफसाना नहीं लिखता,अफ़साना मुझे लिखता है' By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 18, 2018 4:52 PMOpen in App1 / 11सआदत हसन मंटो का जन्म- 11 मई, 1912 को समराला, पंजाब में हुआ था।2 / 11मंटो पर अश्लीलता के कई आरोप लगे जिसकी वजह से उन्हें 6 बार अदालत जाना पड़ा।3 / 11जिसमें से तीन बार पाकिस्तान बनने से पहले और बनने के बाद, लेकिन मामला साबित नहीं हो पाया।4 / 11कहानीकार होने के साथ-साथ वे फिल्म और रेडिया पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे।5 / 11मंटो कहते है, कहानी मेरे दिमाग में नहीं, मेरी जेब में होती है, जिसकी मुझे कोई खबर नहीं होती।6 / 11मैं अफसाना नहीं लिखता, अफसाना मुझे लिखता है।7 / 1142 साल और 8 महीने की जिंदगी में मंटो ने इश्क, त्रासदी, सांप्रदायिक झगड़ों पर खूब लिखा।8 / 11राजनीति से मुझे उतनी ही दिलचस्पी है, जितनी गांधी जी को सिनेमा से थी। गांधी जी सिनेमा नहीं देखते थे और मैं अखबार नहीं पढ़ता।9 / 11अगर पूछा जाए कि मैं कहानी क्यों लिखता हूँ, तो कहूँगा कि शराब की तरह कहानी लिखने की भी लत पड़ गई है।10 / 11जब सआदत हसन मंटो की मौत हुई थी तब वे उर्दू के चर्चित लेकिन विवादास्पद लेखक थे।11 / 1118 जनवरी, 1955 को लाहौर में इस कहानीकार और लेखक का निधन हो गया। और पढ़ें Subscribe to Notifications