जब 'मंटो' पर 6 बार चला था अश्लीलता का मुकदमा, पुण्यतिथि पर जानें सआदत हसन मंटो की कुछ रोचक बातें...
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 18, 2019 08:01 AM2019-01-18T08:01:12+5:302019-01-18T08:01:59+5:30
सआदत हसन मंटो का जन्म जन्म 11 मई 1912 को हुआ था।
'मेरी जिंदगी में तीन बड़ी घटनाएँ घटी हैं। पहली मेरे जन्म की। दूसरी मेरी शादी की और तीसरी मेरे कहानीकार बन जाने की।' यह वाक्य सआदत हसन मंटो ने खुद अपना परिचय देते हुए अपने ही बारे में लिखा था। उर्दू साहित्य के उम्दां कहानिकार सआदत हसन हमेशा से अपनी दमदार लेखनीय से जाने गए हैं। मंटो का मानना था कि कहानी मेरे दिमाग में नहीं, बल्कि मेरी जेब में होती है, जिसकी मुझे कोई खबर नहीं होती। आज उनकी पुण्यतिथि है।
सआदत हसन मंटो का जन्म जन्म 11 मई 1912 को हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में एक से बढ़कर एक बेबाक कहानियां लिखी। ऐसी कहानियां जो समाज के लिए 'आईना' होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंटो पर छह बार अश्लीलता का मुकदमा चलाया गया था। मंटो के पुण्यतिथि पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें...
- धुआं, बू, काली सलवार, ठण्डा गोश्त, ऊपर नीचे दरिमायं ये वो छ कहानियां हैं जिसकी वजह से मंटो को कटघरे में रखा गया। उनको ब्रिटिश सरकार और पाकिस्तान में स्वतंत्रता के बाद मुकदमा चलाया गया। लेकिन कभी दोषी नहीं ठहराया गया। इस पर उन्होंने कहा था किएक लेखक अपनी कलम तभी उठाता है जब उसकी संवेदना आहत होती है।
- सआदत हसन मंटो ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी। दक्षिण एशिया में सर्वश्रेष्ठ लघु-कथा लेखक के रूप में माना जाता है, उनका साहित्यिक लेखन केवल दो दशकों में फैला है लेकिन साहित्यिक कृतियों का उनका संग्रह समृद्ध था।
- मंटो ने फ्रेंच और रूसी लेखकों के लिए अनुवाद करके अपना करियर शुरू किया। उनका पहला अनुवाद कार्य विक्टर ह्यूगो की 'The Last Day of a Condemned Man' था।
- लेखक सआदत हसन मंटो का जन्म 11 मई 1912 को हुआ था। 18 जनवरी 1955 को उनका निधन हुआ था।।
- सादत हसन मंटो को मरणोपरांत 14 अगस्त, 2012 को निशान-ए-इम्तियाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो पाकिस्तान का है।
- साल 2018 में सआदत हसन मंटो के जीवन पर फिल्म बनीं थी।