मंटो की 6 सबसे 'बदनाम' कहानियाँ जिन पर चले हिंदुस्तान-पाकिस्तान में मुकदमे

By रंगनाथ सिंह | Published: September 21, 2018 09:19 AM2018-09-21T09:19:50+5:302018-09-21T09:46:35+5:30

Manto Movie: सअादत हसन मंटो को उर्दू का सबसे बड़ा शॉर्ट स्टोरी राइटर माना जाता है। मंटो भारत विभाजन के कुछ साल बाद पाकिस्तान चले गये थे।

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मंटो को महज 42 साल की उम्र मिली लेकिन आज उर्दू के वो सबसे बड़े कहानीकार माने जाते हैं।

मंटो से बड़ा उर्दू अफसानानिगार खोजना मुश्किल है। जीते जी मंटो को दुनिया बहुत रास नहीं आई। उन्हें महज 42 साल की उम्र मिली जिसमें रोजगार और परिवार के दो पाटों के बीच पिसते हुए उन्होंने हिंदुस्तानी अदब को कई क्लासिक कहानियाँ दीं। मंटो एक ऐसे राइटर थे, जो समाज के पहनाए हुए पोशाक उतार सच को सबसे सामने बेलिबास पेश करते थे।

मंटो एक ऐसे राइटर थे जो उन औरतों को समझते थे जिन्हें समाज में नफ़रत ज़्यादा स्वीकार कम मिलता है। मंटो एक ऐसे राइटर थे जिसे पता था कि 1947 में केवल एक मुल्क़ नहीं बंटा, बल्कि हिंदुस्तानी जहनियत के वर्क को दो हिस्सों में फाड़ दिया गया था।

मंटो के जीवन और लेखन को बड़े पर्दे लेकर आ रही हैं अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास। फ़िल्म में मंटो का किरदार निभाया है अपनी पीढ़ी के सबसे अच्छे अभिनेताओं में शुमार किये जाने वाले कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने।

शॉर्ट स्टोरीज (कहानी) लेखन में मंटो की तुलना मोपासां से की जाती है। हिंदुस्तान में भी कहानी लेखकों में उनकी तुलना उनके अग्रज प्रेमचंद के सिवा शायद ही किसी हो सके।  11 मई 1912 को अविभाजित हिंदुस्तान के लुधियाना में मंटो का जन्म हुआ। 18 जनवरी 1955 को पाकिस्तान के लाहौर में उन्होंने आखिरी साँस ली।

मंटो के अफसाने जितने मशहूर हैं उतने ही मकबूल उनके निजी जीवन के प्रसंग हैं। मंटों के जाती जिंदगी में सबसे ज्यादा चर्चा उन छह मुकदमों की होती है जिनकी वजह से उन पर अदालत में अश्लीलता को बढ़ावा देने मुकदमे हो गये। तीन अविभाजित हिंदुस्तान को कोर्टों में, तीन नए मुल्क पाकिस्तान की अदालतों में। इसे भी विडंबना ही समझना चाहिए खुद मंटो के पिता लुधियाना की स्थानीय अदालत में जज थे। 

मंटो पर बनी फिल्म मंटो में उनकी जाती जिंदगी के साथ उनकी उन कहानियों का जिक्र किया गया है जो सबसे विवादित मानी गयीं। फिल्म के ट्रेलर में जिन कहानियों का जिक्र दिखता है वो वही कहानियों ने जिनकी वजह से मंटो को मुकदमे का सामना करना पड़ा।

मंटो फ़िल्म को आज से आप सिनेमाहॉल में देख सकते हैं लेकिन उससे पहले हम आपको उनकी उन छह कहानियों के बारे में बताते हैं जिनकी वजह से हमारे महबूब राइटर को कठघरे में खड़ा होना पड़ा। 

1- धुआँ

कहानी एक नाबालिग लड़के मसऊद और उसक बहन कुलुसम की  है।  कहानी मसऊद और कुलसूम के हार्मोनल बदलाव को नफीस ज़बान में बयाँ करती है। मसऊद अपनी बहन के कूल्हों और जाँघों को पैर से दबाने के बाद अपने बदन में नए अजनबी अहसास को महसूस करता है। वहीं कुलसुम को भी भाई द्वारा बदन की ऐसे मालिश अलग अहसास कराती है। मसऊद कहानी के अंत में कुलसूम और उसकी सहेली बिमला को बिस्तर में अजीब हालात में देख लेता है। 

2- बू
रणधीर एक अमीर नौजवान है। उसे ईसाई लड़कियों के संग हमबिस्तरी का शौक है। दूसरे विश्वयुद्ध के हालात में वो अपना ये शौक पूरा नहीं कर पा रहा tha। उसके घर के नीचे रहने वाली एक ईसाई लड़की हेजल पर उसक नजर है लेकिन वो उसे भाव नहीं देती। एक दिन बारिश में वो अपनी खिड़की के नीचे एक घाटन लड़की को खड़े देखता है जो पास के रस्सियों के कारखाने में काम करती थी। हेजल से बदला लेने के लिए रणधीर घाटन लड़की को ऊपर बुला लेता है। दोनों के बीत जिस्मानी तालुक्कात बन जाते हैं। दर्जनों लड़कियों के संग हमबिस्तर हो चुके रणधीर को घाटन लड़की के संग जिस्मानी रिश्ता बनाकर एक अलग ही अहसास होता है। घाटन लड़की के शरीर से आने वाली  बू (गन्ध) रणधीर के दिल-ओ-दिमाग पर छा जाती है। रणधीर फिर कभी उस बू को अपने ज़हन से नहीं निकाल पाता। यहाँ तक कि अपनी नवब्याहता कुँआरी खूबसूरत गोरी-चिट्टी पत्नी के साथ सुहागरात में भी वो अपने बदन में कोई हरकत नहीं महसूस करता है। उसके ज़हन बरसात की वो रात और उस घाटन के मैले बदन की बू हावी हो जाती है।  

3- काली सलवार
 सुल्ताना यौनकर्मी है। वो हाल ही में अम्बाला की छावनी से दिल्ली आयी है। ग्राहकों के अभाव में उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। तभी उसका परिचय शंकर नाम के एक आदमी से होता है जो उसकी सोहबत तो चाहता है लेकिन वो बदले में पैसे नहीं देता। पेशेवर होकर भी सुल्ताना शंकर की बात मान जाती है। इसी बीच मोहर्रम का वक्त करीब आ जाता है और सुल्ताना को एक चिंता सताने लगती है। उसके पास मातम में पहनने के लिए काली समीज तो है लेकिन शलवार नहीं है। वो झिझकते हुए शंकर के सामने अपनी मुश्किल रखती है। शंकर उसे भरोसा दिलाता है कि मोहर्रम के पहले दिन तक उसे काली शलवार मिल जाएगी।  शंकर सुल्ताना से उसके चाँदी के बुंदे माँग लेता है। मोहर्रम से पहले शंकर सुल्ताना को काली शलवार दे जाता है। सुल्ताना जब काली शलवार, काली समीज और काला दुपट्टा पहनकर मोहर्रम पर बाहर निकलती है तो उसका शंकर के एक नये रूप से परिचय होता है।

खोल दो (1952) (पाकिस्तान में मुकदमा)

भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय सिराजुद्दीन की बेटी सकीना लापता हो जाती है। आठ रजाकार नौजवान सिराजुद्दीन को भरोसा दिलाते हैं कि वो सकीना को ढूँढ कर लाएँगे। उन्हें सकीना मिल भी जाती है। लेकिन उसके कई दिन बाद सिराजुद्दीन को उसकी बेटी बेसुध हालत में मिलती है। इस बीच सकीना पर जो गुजरी है उसे मंटो ने महज दो लाइनों बयाँ किया है लेकिन उसे पढ़कर किसी की भी रूह काँप जाएगी।   

ठण्डा गोश्त (1952) (पाकिस्तान में मुकदमा)

कहानी भारत के बंटवारे की पृष्ठभूमि में शुरू होती है। ईश्वर सिंह और अपनी पत्नी कुलवन्त कौर के साथ हमबिस्तर होता है। दोनों  कपड़े उतारकर एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगते हैं। लेकिन जब कुलवन्त कौर पूरी तरह उत्तेजित हो जाती है तो ईश्वर सिंह निढाल हो जाता है। वो चाहकर भी उत्तेजना नहीं महसूस कर पा रहा है। कुलवन्त कौर को उस पर शक होता है। वो पूछती है कि क्या उसका किसी और औरत से सम्बन्ध हो गया है? ईश्वर सिंह उसे बताता है कि दंगे के दौरान उसने एक घर में छह पुरुषों की हत्या करके लूटपाट की। उस घर में उसे एक जवान लड़की भी मिली थी जिसे वो उठा लाया था। उसके बाद ईश्वर सिंह कुलवन्त कौर को बताता है कि आज वो क्यों ठण्डा पड़ गया है। 

 ऊपर नीचे दरमियाँ (1954) (पाकिस्तान में मुकदमा)

मंटो की कहानी "ऊपर नीचे दरमियाँ" दो उम्रदराज मियाँ-बीवी की कहानी है। चार्ल्स डिकंस के नॉवेल लेडिज चैटर्ली लवर्स को प्रतीक के तौर पर प्रयोग करते हुए मंटो ने ढलती उम्र में भी यौन आकाँक्षाओं को कहानी का विषय बनाया है। मंटो कहानी में कहीं भी जिस्मानी हरकतों के बारे में खुलकर नहीं लिखते लेकिन सब कुछ साफ हो जाता है।

English summary :
Manto Movie: Actress and director Nandita Das is coming out with a big screen for Manto's movie biopic. Nawazuddin Siddiqui will lead role in movie Manto, who is considered among the best actors of his generation. Saadat Hasan Manto is considered to be the biggest short story writer of Urdu. Manto had gone to Pakistan after a few years of partition.


Web Title: manto movie nawazuddin siddiqui nandita das film release today know 6 most controversial stories

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