Muharram 2019: मुहर्रम पर इन 10 कोट्स के जरिए करें इमाम हुसैन की शहादत को याद By ललित कुमार | Published: September 10, 2019 8:25 AMOpen in App1 / 10फिर आज हक के लिए, फिर आज हक के लिए जान फिदा करे कोई वफा भी झूम उठे यूं, वफा करे कोई, नमाज 1400 सालों से इंतजार में है, हुसैन की तरह मुझ को अदा करे कोई2 / 10आंखों को कोई ख्वाब, आंखों को कोई ख्वाब तो दिखाई दे, तसबरा में इमाम का जलवा दिखाई दे, ऐ इब्न-ए-मुर्तज़ा तेरे सामने सूरज भी एक छोटा सा जर्रा दिखाई दे3 / 10जन्नत की आरजू में कहां जा रहे हैं लोग, जन्नत तो करबाला में खरीदी हुसैन ने, दुनिया-ओ-आंखिरत में जो रहना हो चैन से जीना अलि से सीखो मरना हुसैन से4 / 10कर्बला वालों का गम करबला वालों का गम घर घर में मनाया जाएगा मक्सद-ए-शबीर आलम को बताया जाएगा याद कर के जो ना रोया करबला वालों की प्यास कब्र से तिश्ना वो मेहशर में उठाया जाएगा5 / 10एक दिन बड़े ग़रूर एक दिन बड़े ग़रूर से कहने लगी जमीन आया मेरे नसीब में परचम हुसैन का, फिर चांद ने कहा मेरे सीने के दाग देख होता है आसमान पे भी मातम हुसैन का6 / 10सजदे से कर्बाला को बंदगी मिल गई सबर से उम्मत को जिंदगी मिल गई, एक चमन फतीमा का उजड़ा मगर सारे इस्लाम को जिंदगी मिल गई7 / 10तेरे दिल में कैसी गिरह पड़ी तेरे दिल में कैसी गिरह पड़ी तुझे उससे इतना हसद है क्यों, जो नबी की आंख का नूर है, जो अलि की रूह का चैन है, कभी देख अपने खामीर में, कभी पूछ अपने जमीर से, वो जो मिट गया वो यजीद था, जो ना मिट सका वो हुसैन था8 / 10यूं ही नहीं चर्चा हुसैन का, कुछ देख के हुआ था जमाना हुसैन का सर दे के दो जहां की हुकूमत खरीद ली महंगा पड़ा यजीद को सौदा हुसैन का9 / 10करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने, इमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने, लहू जो बह गया कर्बाला में, उसके मकसद को समझो तो कोई बात बने10 / 10जरूरत थी तलवार की ना और किसी हथियार की सिर्फ एक दुआ थी कर्बाला में आलमदार की फ़कत मिल जाए इज्जत अका हुसैन से तो याद दिला दूंगा जंग हैदर-ए-करार की और पढ़ें Subscribe to Notifications