यूपी में जरूरत से ज्यादा खाद खरीदी तो होगी कार्रवाई, खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए योगी सरकार सतर्क

By राजेंद्र कुमार | Published: December 25, 2023 07:20 PM2023-12-25T19:20:12+5:302023-12-25T19:23:43+5:30

रबी के सीजन में खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है। सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को इस संबंध में निर्देश दिया गया है।

UP Yogi government alert to stop black marketing of fertilizer | यूपी में जरूरत से ज्यादा खाद खरीदी तो होगी कार्रवाई, खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए योगी सरकार सतर्क

यूपी में जरूरत से ज्यादा खाद खरीदी तो होगी कार्रवाई, खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए योगी सरकार सतर्क

Highlightsखाद की कालाबाजारी रोकने के लिए भी 75 जिलों के जिलाधिकारियों को दिए गए निर्देशयोगी सरकार ने यह निर्देश कुछ जिलों में खाद की कालाबाजारी होने की शिकायत मिलने पर जारी किया हैशिकायत है कि सूबे के कुछ जिलों में किसान जरूरत से दो तीन गुना ज्यादा खाद खरीद कर स्टोर कर रहे हैं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के जरूरत से अधिक खाद की खरीद कर उसे स्टोर करने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। इसके साथ ही सरकार उन दुकानदारों के खिलाफ भी एक्शन लेगी जो किसानों को उर्वरकों के साथ जबरन अन्य उत्पाद बेचने का प्रयास करेंगे। रबी के सीजन में खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए योगी सरकार ने यह फैसला लिया है। इस संबंध में सूबे अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने सूबे के सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को निर्देश दिया है कि वह सरकार के इस फैसले को कड़ाई से लागू कर खाद की कालाबाजारी को रोकने की व्यवस्था करें। साथ ही किसानों को बताएं कि राज्य में पर्याप्त खाद है इसलिए खाद की कमी को लेकर परेशान ना हों।

सरकार का निर्देश 

सरकार ने यह निर्देश कुछ जिलों में खाद की कालाबाजारी होने की सूचना मिलने पर जारी किया है। सरकार को यह शिकायत मिली थी कि सूबे के कुछ जिलों में किसान जरूरत से दो तीन गुना ज्यादा खाद खरीद कर स्टोर कर रहे हैं। परिणामस्वरूप जिले में छोटे किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। ऐसी सूचनाओं का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय से राज्य के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी को इस मामले के त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए, तो देवेश चौधरी ने सूबे के सभी डीएम और कमिश्नर को निर्देश दिया कि वह खाद की जमाखोरी तथा कालाबाजारी और खाद के साथ अन्य उत्पाद की टैगिंग पर रोक लगाएं। इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर कमेटी बनाकर खाद की बिक्री और खरीद पर निगरानी की जाए। इसके लिए लेखपाल एवं अन्य सरकारी कर्मचारियों से खाद समितियों तथा खाद बिक्री करने वाले दुकानदारों की सूची ली जाए।

फिर हर सप्ताह कमेटी अपने-अपने क्षेत्र में खाद खरीद तथा बिक्री की समीक्षा कर खाद की जमाखोरी तथा कालाबाजारी पर रोक लगाए। उक्त निर्देश में थोक खाद विक्रेता के गोदाम की भी जांच करने को कहा गया है, ताकि कहीं भी अनावश्यक रूप से खाद का भंडारण ना किया जा सके। इसके अलावा यूरिया एवं अन्य फास्फेटिक उर्वरकों के साथ अन्य उत्पाद जबरन बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ भी एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं। 

राज्य में खाद की उपलब्धता 

खाद की कालाबाजारी और जमाखोरी रोकने को लेकर दिए गए उक्त निर्देशों को लेकर अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी का कहना है कि राज्य में रबी सीजन में जितनी खाद चाहिए उससे ज्यादा खाद उपलब्ध है। वह बताते हैं कि राज्य में 22.20 लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद की जरूरत है और 30.26 लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध है। इसी प्रकार 13.25 लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद की जरूरत है और 12.57 लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध है। 5.10 लाख मीट्रिक टन एनपीके खाद की जरूरत है और 6.63 लाख मीट्रिक टन यह खाद भी है।

एक लाख मीट्रिक टन एमओपी खाद की जरूरत है और 1.19 लाख मीट्रिक टन यह खाद राज्य में उपलब्ध है। 2.37 लाख मीट्रिक टन एसएसपी खाद राज्य में खपती है, 3.28 लाख मीट्रिक टन यह खाद भी राज्य में उपलब्ध है। जब जरूरत से अधिक खाद है तो फिर क्यों खाद की उपलब्धता को लेकर निर्देश दिए जा रहे है? इस सवाल को लेकर अधिकारियों का कहना है कि चुनाव के पहले राज्य में खाद की कालाबाजारी को लेकर कोई मुद्दा खड़ा हो। चूंकि खाद की कालाबाजारी होने पर सूबे के किसान सरकार से नाराज हो सकते है। इसलिए यह सतर्कता बरती जा रही है।  

Web Title: UP Yogi government alert to stop black marketing of fertilizer

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