डायबिटीज जैसे रोगों का इलाज हैं ये 5 पेड़-पौधे, सेहत के लिए हैं बेहद गुणकारी By संदीप दाहिमा | Published: June 08, 2021 7:12 AMOpen in App1 / 6नीम इस धरती पर स्वास्थ्य का सबसे बड़ा खजाना हैं। इस पेड़ के हर हिस्सा के इस्तेमाल कई दवाओं को बनाने में किया जाता है। नीम मसूड़ों की सूजन को खत्म करता है। यह डायबिटिज के मरीजों में शुगर को नियंत्रित करता है। नीम के पत्तों में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह त्वचा और बालों से जुड़े रोगों को भी ख़त्म करते हैं।2 / 6इस पौधे के पत्तों का कई दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। इसके पत्ते एसिडिक प्रकृति के होते हैं, जो सूजन को खत्म करते हैं। इसके पत्तों को रस पीने से मूत्राशय की सूजन दूर होती है और इसके साथ-साथ बुखार से भी राहत मिल जाती है। अगर आपको भी कोई त्वचा से जुड़ा रोग है, तो इसे इस्तेमाल करें। इसे चोटिल हिस्से पर लगाने से घाव की जलन और दर्द दोनों ही दूर हो जाते हैं। 3 / 6एक अध्ययन के अनुसार, पान में एक कण होता है जो क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया से लड़ने में मदद करता है। इस तरह इसका इस्तेमाल अस्थि मज्जा कैंसर के इलाज में किया जा सकता है। इससे पाचन को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है। यह शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों और खनिजों को अवशोषित करने में भी मदद करता है। जो लोग बढ़ते वजन से परेशान हैं, अगर वे इसका सेवन करते हैं, तो वे बढ़ते वजन से छुटकारा पा सकते हैं।4 / 6इस पौधे पर गुलाबी और सफेद रंग के छोटे-छोटे फूल आते हैं। इन फूलों का पारंपरिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें विन्डोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में सहायक है। इसके अलावा इसमें विनब्लास्टिन और विनक्रिस्टिन तत्व भी पाए जाते हैं, जो कैंसर विरोधी हैं। एक नई रिसर्च के अनुसार, इस पौधे में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और उन्हें उसी क्षण नष्ट करने में सहायक हैं। सदाबहार का पौधा किस तरह से फायदेमंद है, चलिए जानते हैं।5 / 6बेल का फल कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन, फाइबर और आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्वों का भंडार है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी और सी की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। दरअसल यह एक जड़ी बूटी है जिसका हर अंश शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल गुण भी होते हैं जो विभिन्न रोगों से बचाते हैं। नियमित रूप से बेल का सेवन करने से पाचनक्रिया मजबूत बनती है और पेट की सफाई भी होती है। इससे पेट के कीड़ों को खत्म किया जा सकता है। इसमें फेरोनिना तत्व पाया जाता है जो डायरिया का उपचार में सहायक है।6 / 6पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि सावधानी से भोजन करने और व्यायाम के साथ जड़ी बूटी का सेवन बीमारी के बढ़ने की गति को धीमी कर सकती है और बीमारी के लक्षणों से निजात दिला सकती है। वैज्ञानिक अध्ययनों में दावा किया गया है कि पुनर्नवा जैसे पारंपरिक औषधीय पौधे पर आधारित औषधि का फार्मूलेशन किडनी की बीमारी में रोकथाम में कारगर हो सकता है और बीमारी से राहत दिला सकता है। और पढ़ें Subscribe to Notifications