देहरादून: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे पहलवानों ने धरना स्थल से उठाए जाने के बाद हरिद्वार में गंगा में मेडल प्रवाहित करने की घोषणा की है।
भारतीय शीर्ष पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवान आज अपने पदकों को गंगा में विसर्जित करने वाले हैं ऐसे में इसे देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, हरिद्वार पुलिस ने सूचना दी है कि पहलवानों को जिले में प्रवेश करने से नहीं रोका गया है।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा, "पहलवान कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वे अपने पदक पवित्र गंगा में विसर्जित करने आ रहे हैं तो हम उन्हें नहीं रोकेंगे। न ही मुझे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से ऐसा कोई निर्देश मिला है।”
उन्होंने कहा कि लोग गंगा में सोना, चांदी और अस्थियां विसर्जित करते हैं और पहलवान चाहें तो अपने पदक विसर्जित कर सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि गंगा दशहरा के दिन लगभग 15 लाख तीर्थयात्री गंगा में पवित्र डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार आते हैं और पहलवानों का भी स्वागत किया जाता है।
गौरतलब है कि मंगलवार को ट्विटर पर साझा किए गए समान बयानों में पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने कहा कि पहलवान हरिद्वार जाएंगे और शाम 6 बजे अपने पदक गंगा में विसर्जित करेंगे। उन्होंने कहा कि ये पदक हमारे जीवन, हमारी आत्मा हैं। आज उन्हें गंगा में विसर्जित करने के बाद जीने का कोई कारण नहीं रहेगा। इसलिए हम उसके बाद इंडिया गेट पर आमरण अनशन शुरू करेंगे।
गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें आज पहलवानों के हरिद्वार आने की सूचना नहीं दी थी। लाखों तीर्थयात्री आज हरिद्वार में हैं। हम गंगा सप्तमी अनुष्ठानों के प्रबंधन और प्रदर्शन पर विचार कर रहे हैं।
बता दें कि भारतीय शीर्ष पहलवान 23 अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे हैं। पहलवान भारतीय कुश्ती महासंग के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। पहलवान नाबालिग सहित खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
बीते रविवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई पहलवानों को हिरासत में भी लिया था जिसके बाद जमकर बवाल मचा था। पुलिस ने विरोध स्थल पर लगे टेंटों को भी जबरन तोड़ दिया, और पहलवानों के विरोध के आयोजकों पर दंगा करने और गैरकानूनी सभा करने के आरोप में मामला दर्ज किया।