VK Pandian: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निकट सहयोगी एवं पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी वी कार्तिकेयन पांडियन सोमवार को सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) में औपचारिक रूप से शामिल हो गए। पांडियन मुख्यमंत्री, राज्य के अन्य मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ बीजद नेताओं की मौजूदगी में क्षेत्रीय दल में शामिल हुए।
पांडियन 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनका नाम कई विवादों से जुड़ा रहा है और उन पर सेवा नियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने इस साल 23 अक्टूबर को सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। बाद में उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद पर राज्य की प्रमुख 5 टी (परिवर्तनकारी पहल) और नवीन ओडिशा योजना का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
पांडियन को मंगलवार को कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ ‘5 टी’ (परिवर्तनकारी पहल) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने के एक दिन बाद पांडियन की नियुक्ति हुयी है। ओडिशा कैडर के 2000 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी पांडियन ने 20 अक्टूबर को वीआरएस के लिए आवेदन किया और 23 अक्टूबर को मंजूरी मिल गई थी।
मुख्यमंत्री ने पांडियन के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर उनको ‘5टी’ और नबीन ओडिशा कार्यक्रमों के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया। सामान्य प्रशासन और लोक शिकायत विभाग ने कहा, ‘‘वी के पांडियन को कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ 5टी (परिवर्तनकारी पहल) और नबीन ओडिशा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है और वह सीधे मुख्यमंत्री के अधीन काम करेंगे।’’
कालाहांडी जिले में धर्मगढ़ के उप-जिलाधिकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत के बाद पांडियन ने मयूरभंज और गंजाम जिलों के जिलाधिकारी के रूप में काम किया था। वह गंजाम के जिलाधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पटनायक के संपर्क में आए, क्योंकि गंजाम मुख्यमंत्री का गृह जिला है।
पांडियन 2011 में निजी सचिव के रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से जुड़ गए। वर्ष 2019 में पटनायक के पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पांडियन को सरकारी विभागों में कुछ परिवर्तनकारी पहल को लागू करने के लिए ‘5टी सचिव’ की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी।
कांग्रेस विधायक दल के नेता (सीएलपी) नरसिंह मिश्रा ने पांडियन को ‘‘सफल प्रशासक’’ बताया, लेकिन इस बात पर संदेह जताया कि क्या वह राजनीति में भी सफल हो सकते हैं। पूर्व कानून मंत्री मिश्रा ने कहा, ‘‘5टी कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में पांडियन की नियुक्ति और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने में कुछ भी गैरकानूनी नहीं है। मुख्यमंत्री के पास ऐसा करने का अधिकार है।’’
मिश्रा ने यह भी कहा कि उन्हें पांडियन की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने पांडियन को सरकारी सेवा से इस्तीफा देने और राजनीति में शामिल होने के लिए कहा था, क्योंकि उन्होंने सरकारी खर्च पर पूरे ओडिशा में दौरे करते समय मुख्यमंत्री के निजी सचिव के रूप में अपने आधिकारिक पद का कथित तौर पर दुरुपयोग किया था।