Federation Cup 2024: तीन साल बाद यहां के हम सिकंदर!, 82.27 मीटर के साथ स्वर्ण पर कब्जा, कर्नाटक के मनु 82.06 मीटर के साथ रजत जीता, देखें टॉप-5 लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 16, 2024 06:53 AM2024-05-16T06:53:17+5:302024-05-16T06:53:57+5:30
Federation Cup 2024: टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद पहली बार घरेलू प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे चोपड़ा ने चौथे प्रयास में 82.27 मीटर के साथ बढ़त हासिल की।
Federation Cup 2024: ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने तीन साल में पहले घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हुए बुधवार को यहां फेडरेशन कप की पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में धीमी शुरुआत के बाद स्वर्ण पदक जीता। दोहा डाइमंड लीग में दूसरे स्थान पर रहने के बाद अपनी स्पर्धा से एक दिन पहले यहां पहुंचे 26 साल इस सुपरस्टार को शुरु में थोड़ी परेशानी हुई जिससे वह तीन प्रयास के बाद दूसरे स्थान पर चल रहे थे। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद पहली बार घरेलू प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे चोपड़ा ने चौथे प्रयास में 82.27 मीटर के साथ बढ़त हासिल की।
चोपड़ा ने अपने अंतिम दो प्रयास (पांचवां और छठा) नहीं किए क्योंकि रजत पदक जीतने वाले डीपी मनु अपने अंतिम थ्रो फेंक चुके थे। चोपड़ा हरियाणा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। कर्नाटक के मनु 82.06 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से दूसरे स्थान पर रहे जबकि महाराष्ट्र के उत्तर बालासाहेब पाटिल ने 78.39 मीटर के प्रयास से तीसरा स्थान हासिल किया।
स्थानीय दावेदार और एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता किशोर जेना 75.49 मीटर के निराशाजनक प्रदर्शन से पांचवें स्थान पर रहे। उन्होंने पिछले साल चीन के हांगझोउ में एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने के दौरान 87.54 मीटर के प्रयास से पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। इस कर्नाटक की एसएस स्नेहा प्रतियोगिता की सबसे तेज महिला धावक बनीं।
उन्होंने 11.63 सेकेंड के समय के साथ महिला 100 मीटर दौड़ का खिताब जीता। तमिलनाडु की गिरिधरानी रवि (11.67) और श्रावणी नंदा (11.76) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। पंजाब के गुरिंदरवीर सिंह सबसे तेज पुरुष धावक बने। उन्होंने 10.35 सेकेंड के समय के साथ पुरुष 100 मीटर दौड़ का खिताब अपने नाम किया।
मंगलवार को 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीतने वाले ओडिशा के अनिमेष कुजुर 10.50 सेकेंड के साथ दूसरे जबकि पंजाब के हरजीत सिंह 10.56 सेकेंड के साथ तीसरे स्थान पर रहे। पुरुष भाला फेंक के अलावा देश के शीर्ष खिलाड़ियों की मौजूदगी के कारण त्रिकूद पर भी सभी की नजरें टिकी थी लेकिन खिलाड़ियों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा।
राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक प्रवीण चित्रावेल ने 16.79 मीटर के लचर प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीता। राष्ट्रमंडल खेलों के गत चैंपियन केरल के एल्धोस पाल 16.59 मीटर के प्रयास से दूसरे स्थान पर रहे। चोपड़ा ने पिछली बार 17 मार्च 2021 में इसी टूर्नामेंट में घरेलू प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने 87.80 मीटर के थ्रो से स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक स्वर्ण जीता।
फिर 2022 में डायमंड लीग चैम्पियन और 2023 में विश्व चैम्पियन बने। उन्होंने साथ ही चीन में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक भी बरकरार रखा। चोपड़ा ने इसके अलावा डायमंड लीग के तीन चरण भी जीते और 2022 विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया। हालांकि वह अभी तक 90 मीटर का आंकड़ा नहीं छू पाये हैं। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड 89.94 मीटर का है।
ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने फिर स्वर्ण पदक जीता लेकिन उस तरह से नहीं जैसा वह चाहते थे और उन्हें इसे स्वीकार करने में कोई झिझक भी नहीं थी। तीन साल में पहली बार भारत में प्रतिस्पर्धा करते हुए विश्व चैम्पियन भाला फेंक एथलीट ने बुधवार को यहां फेडरेशन कप में 82.27 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।
चोपड़ा ने टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन पर कहा, ‘‘मुझे लगा कि मैं यहां प्रतिस्पर्धा कर सकता हूं और यह अच्छी रही। हालांकि थ्रो के बारे में बात नहीं करते, यह वैसा नहीं था जैसा मैं चाहता था। ’’ दोहा डायमंड लीग में दूसरे स्थान पर रहने के बाद अपनी स्पर्धा की संध्या पर यहां पहुंचा यह 26 वर्षीय सुपरस्टार तीन दौर के बाद दूसरे स्थान पर रहा।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रतियोगिता काफी अच्छी थी और मौसम भी गर्म था। शुरू से ही मैं सोच रहा था कि अगर मुझे अच्छा लगेगा तो मैं उसी के अनुसार प्रयास करूंगा। मैं दोहा में खेलने के बाद यहां आया था और उबरने के लिए ज्यादा समय नहीं था और यात्रा भी करनी थी। और मैं इतना अच्छा भी महसूस नहीं हो रहा था। ’’
चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैंने इसके अनुसार ही अपने प्रयास किये और केवल चार थ्रो ही किये क्योंकि मुझे चेक गणराज्य के ओस्ट्रावा में गोल्डन स्पाइक प्रतियोगिता में 28 मई को प्रतिस्पर्धा करनी है। इसके लिए उबरने के लिए लगभग 10 दिन होंगे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लंबे समय के बाद इस तरह के मौसम में आया हूं। प्रतियोगिता में जो आनंद आता है, वो नहीं था। मुझे लग रहा था कि परिस्थितियां उतनी अच्छी नहीं हैं, इसलिए मैंने चौथे थ्रो के बाद रुकने का फैसला किया। ’’