नयी दिल्ली , 10 अक्टूबर परमाणु - ऊर्जा संचालित अमेरिकी विमानवाहक पोत कार्ल विंसन 12 से 15 अक्टूबर तक होने वाले बहुचर्चित मालाबार युद्धाभ्यास के दूसरे चरण का हिस्सा होगा। इस युद्धाभ्यास में सभी चार क्वाड देश - भारत , अमेरिका , आस्ट्रेलिया और जापान की नौसेनाएं अपनी युद्धक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
संयोगवश , बंगाल की खाड़ी में यह युद्धाभ्यास ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका के नौसेना संचालन प्रमुख (सीएनओ) एडमिरल माइक गिल्डे भारत की यात्रा पर होंगे और भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।
एडमिरल गिल्डे ने अपनी यात्रा से पहले कहा , ‘‘ कोई गलती न करें , भारत हमारे सबसे करीबी रणनीतिक साझेदारों में से एक है और हमारा रिश्ता एक स्वतंत्र और मुक्त हिन्द - प्रशांत का गढ़ है ।’’
भारतीय नौसेना अधिकारियों ने बताया कि मालाबार अभ्यास के दूसरे चरण में चारों नौसेनाओं की अग्रिम पंक्तियों के कई युद्धपोत एवं अन्य पोत कई जटिल अभ्यास करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना अपने अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत आईएनएस रणविजय और आईएनएस सतपुड़ा , एक पनडुब्बी और लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान पी 8 आई का बेड़ा तैनात करेगी।
निमित्ज़ - श्रेणी के विमानवाहक पोत यूएसएस कार्ल विंसन के अलावा , अमेरिका टिकोंडेरोगा - श्रेणी के गाइडेड मिसाइल क्रूजर यूएसएस लेक शैम्प्लेन और अर्ले बर्क - क्लास गाइडेड मिसाइल विध्वंसक यूएसएस स्टॉकडेल को भी तैनात करेगा।
साल 1983 में अमेरिकी नौसेना में शामिल होने के बाद से यूएसएस कार्ल विंसन ऑपरेशन डेजर्ट स्ट्राइक , ऑपरेशन इराकी फ्रीडम , ऑपरेशन सदर्न वॉच और ऑपरेशन एंड्योरिंग फ्रीडम सहित कई प्रमुख अभियानों का हिस्सा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि जापान मैरीटाइम सेल्फ - डिफेंस फोर्स हेलीकॉप्टर वाहक जेएस कागा और मुरासामे - श्रेणी के विध्वंसक जेएस मुरासामे को तैनात करेगी , जबकि रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना का प्रतिनिधित्व एचएमएएस बल्लारत और एचएमएएस सीरियस द्वारा किया जाएगा।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवाल ने कहा , " अभ्यास का दूसरा चरण अभ्यास के पहले चरण के दौरान विकसित तालमेल , समन्वय और अंतर - परिचालन पर आधारित होगा तथा इसमें उन्नत सतह और पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास , नाविक विकास और हथियार फायरिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। "
माधवाल ने कहा , “ कोविड -19 महामारी के दौरान सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा मालाबार अभ्यास का 25 वां संस्करण एक स्वतंत्र , खुले , समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र के साथ - साथ एक नियम - आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करने को लेकर इन चारों देशों की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। ’’
भारत के निमंत्रण के बाद , ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल भी मालाबार अभ्यास में भाग लिया था , जिसने इसे क्वाड या चार पक्षीय गठबंधन के सभी चार सदस्य देशों का एक प्रभावी अभ्यास बना दिया। ऑस्ट्रेलिया ने इस साल भी मालाबार अभ्यास के पहले चरण में भाग लिया था।
चार क्वाड देशों के बीच समुद्री क्षेत्र में हितों के बढ़ते अभिसरण की पृष्ठभूमि में यह अभ्यास नई गति का साक्षी रहा है। चीन मालाबार अभ्यास के उद्देश्य को लेकर संदेह व्यक्त करता रहा है , क्योंकि उसे लगता है कि वार्षिक युद्धाभ्यास हिंद - प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने का एक प्रयास है।
मालाबार अभ्यास 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। जापान 2015 में अभ्यास का स्थायी सदस्य बना।
वार्षिक अभ्यास 2018 में गुआम के तट पर और 2019 में जापान के तट पर आयोजित किया गया था। पिछले वर्ष यह युद्धाभ्यास बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में दो चरणों में हुआ था।
हिंद - प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मुखरता को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।
भारत , अमेरिका , ऑस्ट्रेलिया , जापान और कई अन्य समान विचारधारा वाले देश एक स्वतंत्र , खुला और समावेशी हिंद - प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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