नयी दिल्ली, 17 मई आंध्र प्रदेश में अपने खिलाफ राजद्रोह के एक मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए एक मीडिया संस्थान ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
संस्थान ने दावा किया कि यह राज्य में समाचार चैनलों को डराने की एक कोशिश है ताकि वे सरकार की आलोचना करने वाली किसी भी सामग्री का प्रसारण करने से डरें।
टीवी5 समाचार चैनल के स्वामित्व वाले श्रेया ब्रॉडकास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राज्य सरकार एक ‘फर्जी प्राथमिकी’ दर्ज कर अपने आलोचकों और मीडिया को चुप कराना चाहती है और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही है।
चैनल के ब्यूरो हैदराबाद, विशाखापत्तनम तथा विजयवाड़ा में हैं।
टीवी चैनल के खिलाफ प्राथमिकी के तार वाईएसआर कांग्रेस के असंतुष्ट सांसद के. रघु रामकृष्ण राजू के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले से जुड़े हैं, जिन्हें आंध्र प्रदेश पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
चैनल ने अपनी याचिका में कहा कि उसके खिलाफ राजू से संबंधित कार्यक्रमों का प्रसारण करने पर प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है, जो अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।