मुंबई:महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 नवजात बच्चों की मौत पर सूबे की एकनाथ शिंदे सरकार बुरी तरह से घिरती जा रही है। विपक्षी दल कांग्रेस के हमला के बाद अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि केवल नांदेड़ में नहीं पूरे राज्य का स्वास्थ्य महकमा ही वेंटिलेटर पर है।
राज ठाकरे ने सोशल प्लेफॉर्म 'एक्स'पर किये बेहद तीखे पोस्ट में कहा, "पिछले 24 घंटों में नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 24 मौतें हुईं। यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी ही एक घटना मदनतारी ठाणे में भी हुई। राज्य के सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी है।"
उन्होंने पोस्ट में आगे कहा,"मुंबई में टीबी की दवा की कमी के चलते 'दवा दीजिए और इस्तेमाल कीजिए' की सलाह दी जा रही है और ये घटनाएं सिर्फ नांदेड़, ठाणे और मुंबई तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि हर जगह हैं..."
ठाकरे ने आगे कहा, "अगर पूरे राज्य का स्वास्थ्य वेंटिलेटर पर है तो तीन इंजनों का क्या फायदा? चूंकि सरकार के तीनों दलों ने अपना पर्याप्त बीमा करा लिया है, इसलिए उन्हें कोई चिंता नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र का क्या? दुर्भाग्य से सरकार में तीन दलों को छोड़कर महाराष्ट्र बीमार है। सरकार को इस बात पर अधिक ध्यान देना चाहिए कि जीवन प्रत्याशा बढ़ाने के प्रयासों को कम करके महाराष्ट्र के स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।"
इस बीच राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में शनिवार और रविवार के बीच 31 नवजात शिशुओं की मौत हो गई।
घटना के संबंध में कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है, राज्य सरकार को हादसे के लिए जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने 'एक्स' पर कहा, "नांदेड़ में मौत का सिलसिला जारी है। कल से सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दुर्भाग्य से 7 और मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में 4 बच्चे भी शामिल हैं। राज्य सरकार को जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।"
इससे पहले, डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल नांदेड़ के डीन श्यामराव वाकोडे ने कहा था कि 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 12 नवजात शिशुओं सहित 24 मरीजों की मौत हो गई, हालांकि, उन्होंने मंगलवार को अस्पताल के खिलाफ लापरवाही के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि मृतक मरीज मधुमेह, लिवर और गुर्दे की जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे।
वहीं दूसरी ओर मृतकों के परिजनों का कहना है कि शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मरीजों की मौत दवाओं की कथित कमी के कारण हुई है।
महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने ऐसे सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा, "अस्पताल में दवा की कोई कमी नहीं थी, मुझे डीन द्वारा सूचित किया गया है, इसलिए हमने घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। मैं भी नांदेड़ का दौरा करूंगा और इसमें शामिल होऊंगा।"