लंदन: ब्रिटेन दौरे पर गये राहुल गांधी ने लंदन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पेगासस का मुद्दा उठाया और अपने व्याख्यान में भारत की लोकतांत्रिक स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि खुद उनके फोन में पेगासस डाला गया था और उसके जरिये मेरी जासूसी की जा रही थी।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में केवल मेरे फोन पर ही नहीं बल्कि अन्य नेताओं, पत्रकारों, उद्योगपतियों के भी मोबाइल फोन में पेगासस डाला गया था और उनके जरिये जासूसी की गई थी। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में दिये व्याख्यान में राहुल गांधी ने कहा, "मेरे फोन में पेगासस है, इसकी जानकारी मुझे खुफिया अधिकारियों से मिली। उन्होंने मुझसे कहा आप थोड़ा सावधान रहें क्योंकि आपके फोन की रिकॉर्डिंग हो रही है।"
केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर राहुल गांधी ने आक्रामक तरीके से कहा, "भारत में केवल विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ ही मामले दर्ज किए जाते हैं। जैसे उन्होंने मेरे खिलाफ ही कई आपराधिक मामले दर्ज किये हुए हैं लेकिन चूंकि हम लोकतांत्रिक देश हैं। इसलिए ऐसा नहीं होना चाहिए था।
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा, "एक विपक्षी नेता के तौर पर मेरा मानना है कि जब सरकार मीडिया और लोकतांत्रिक ढांचे पर इस तरह से हमला करती है, तो लोगों के साथ संवाद करना बहुत मुश्किल हो जाता है।"
उन्होंने कहा कि भारत में जनता से संवाद करने पर भी हमले हो रहे हैं। भारतीय संसद की मौजूदा तस्वीर को देखें तो जो भी विपक्षी नेता सत्ता के उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हैं। उनकी आवाज को जबरन खामोश करा दिया जाता है। उनके खिलाफ छापे मारे जाते हैं, उन्हें जेल डाल दिया जाता है। सरकार विपक्षी दल के नेताओं की निगरानी करती है और उन्हें धमाकाती है।
मालूम हो कि राहुल गांधी के आरोपों के इतर बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस आरोपों को लेकर एक समिति का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने जांच में पाया था कि 29 फोन में की गई जांच में पेगासस के कोई सबूत नहीं मिले हैं लेकिन पांच फोन में ऐसे संदिग्ध मेलवेयर मौजूद थे। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा था कि पांच फोन में मेलवेयर मिला था, लेकिन जांच समिति ने कोर्ट के सामने कहा था कि यह पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वह पेगासस ही है।