जम्मू: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भ्रष्टाचार को देश की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दिये इस संबंध में बहुचर्चित बयान को कोट करते हुए कहा कि कोई भी इस देश से भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म करने का दावा नहीं कर सकता है। जम्मू में जम्मू में "भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा" विषय पर भाषण देते हुए राजनाथ सिंह ने भ्रष्टाचार को कम करने के लिए मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार की प्रशंसा की। हालांकि इसके साथ ही रक्षामंत्री ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार को उसके "जड़ से मिटाना" असंभव है।
रक्षामंत्री ने कहा कि वह इस बात का दावा कभी नहीं करते कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा की 9 सालों से चल रही सरकार ने पूरे देश से भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर दिया है क्योंकि ऐसा करना कभी संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा, "केवल भाषण देने से भ्रष्टाचार को कम या जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। इसलिए मैं यह दावा नहीं कर रहा हूं कि हमारी सरकार ने इसे जड़ के साथ समूल खत्म कर दिया है। मैं इस बात को जानता हूं कि कोई भी ऐसा नहीं कर सकता है, मुझे नहीं पता कि जब सतयुग था तब वहां कोई भ्रष्टाचार था या नहीं था...।''
राजनाथ सिह ने इस विषम समस्या के बारे में आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि इससे मुक्ति नहीं पायी जा सकती है। एकदम हम इससे निजात पा सकते हैं लेकिन उसके लिए सिस्टम में बदलाव करना होगा और नरेंद्र मोदी सरकार इसी काम को कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार के संबंध में दिये चर्चित बयान ''ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा'' का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, "वह भी शुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहे ''ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा'' बयान की अवधारणा को समझ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि कोई भ्रष्टाचार नहीं करेगा, लेकिन कोई किसी को भ्रष्टाचार करने से कैसे रोक सकता है? इसे मैंने तब समझा जब जनधन खाता योजना की परिकल्पना की जा रही थी।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उस वक्त पूछा था कि क्या इतने सारे बैंक खाते खोलना संभव होगा? प्रधानमंत्री ने जवाब दिया था कि हां, बिल्कुल ऐसा हो सकता है और आज उसी का परिणाम है कि देश में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसके पास जनधन खाता न हो और उसको सरकार से मिलने वाली सहायता राशि सीधे खाते में न जमा होती हो।"
अपने संबोधन के अंत में राजनाथ सिंह ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा भ्रष्टाचार के संबंध में दिये उस चर्चित बयान का भी जिक्र किया, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने खुद माना था कि सरकार जो 100 पैसे गरीबों को भेजती है, वो उन तक सिर्फ 15 पैसे के तौर पर ही पहुंच पाता है। राजनाथ सिंह ने कहा, "उस जमाने में राजीव गांधी ने असहायता दिखाई लेकिन मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार उन्मूलन को चुनौती के रूप में लिया और काफी हद तक उस पर लगाम लगाने में सफल भी हुए हैं।"