भारत ने मंगलवार (26 फरवरी ) सुबह लगभग 3: 30 बजे बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय वायुसेना ने एलओसी पार कर कई आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। वायुसेना ने एलओसी पार कर बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद में मौजूद आतंकी ठिकानों के लॉन्च पैड को तबाह किया है। इसके साथ ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कंट्रोल रूम भी इस हमले में तबाह हो गया है।
इस ऑपरेशन के बाद से पाकिस्तान में हडकंप मच गया है। इसके लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इस्लामाबाद में आपात बैठक बुलाई है। वहीं भारत-पकिस्तान दोनों की जगहों पर हाई अलर्ट जारी किया गया है।
लेकिन जहां एक तरफ कहा जा रहा है कि यह एक गुप्त मिशन था, लेकिन उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि शायद अमेरिका को एयरफोर्स के इस कदम के बारे में जानकारी थी।
दरअसल, बीते शुक्रवार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था भारत कुछ बड़ा करने वाला है।' ट्रंप ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत सी समस्याएं हैं और पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत कोई ठोस निर्णय लेने पर विचार कर रहा है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से लदे वाहन से जवानों की बस को टक्कर मारकर इस हमले को अंजाम दिया था।
इसके बाद भारत ने अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान पर दबाव डाला था कि वह अपनी जमीन को आतंकी समूहों की सुरक्षित पनाहगाह बनने से रोके और पुलवामा हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
इसके बाद ट्रंप ने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा था कि इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद खराब हैं। यह बेहद खतरनाक स्थिति है। हम चाहेंगे कि यह (शत्रुता) समाप्त हो जाए। काफी लोग मारे गए हैं। हम इसे बंद होते देखना चाहते हैं। हम इसमें (प्रक्रिया में) काफी हद तक शामिल हैं।" राष्ट्रपति ने आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत की ओर से मजबूत प्रतिक्रिया की संभावना का उल्लेख किया।
इसके साथ ही ट्रंप ने कहा था 'मैंने पाकिस्तान को 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि का भुगतान करना बंद कर दिया, जो हम उन्हें दिया करते थे। इस बीच, हम पाकिस्तान के साथ कुछ बैठकें कर सकते हैं। पाकिस्तान ने अन्य अमेरिकी राष्ट्रपतियों के शासनकाल में अमेरिका का बहुत फायदा उठाया है। हम हर साल पाकिस्तान को 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर का भुगतान कर रहे थे।" ट्रम्प ने कहा, "मैंने उस भुगतान को बंद कर दिया, क्योंकि वे उस तरह से हमारी मदद नहीं कर रहे थे, जैसी उन्हें करनी चाहिए थी।"