राजनीति बड़े अजीब मोड़ लेती है. कब क्या हो जाए, कुछ कहना मुश्किल है. आप एक- दूसरे के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं. चुनाव हार जाएं तो उसे अदालत में चुनौती दे सकते हैं. अदालत चुनाव रद्द करने का फैसला सुना सकती है. अगले चुनाव में फिर एक-दूसरे के खिलाफ आमने-सामने हो सकते हैं. लोग जब तक किसी एक के हक में मतदान कर अपना फैसला सुनाएं, इससे पहले ही सारे मतभेद भुला कर आपस में गले लगते हुए मैदान से हट भी सकते हैं.
दिल्ली के साथ लगते हरियाणा में सोनीपत जिले की राई सीट पर मतदान से ठीक तीन दिन पहले ऐसा ही हुआ है. आप कह सकते हैं कि राई से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार जयतीर्थ दहिया किस्मत के बड़े धनी हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में वे राई सीट से सिर्फ तीन वोट से जीते थे. इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के उम्मीदवार रहे इंद्रजीत दहिया ने उनकी जीत को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी. पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से ठीक पहले फैसला आया और चुनाव रद्द कर दिया गया.
जयतीर्थ का कहना है कि अदालत ने उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया है, चुनाव निरस्त किया है. यह मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है और इस पर अंतिम फैसला आना बाकी है. दहिया ने बताया कि अदालत में 16 ऐसे वोट सामने आए हैं, जो दो बार डाले गए हैं. जांच तो इस बात की होनी चाहिए कि एक मतदाता के दो-दो वोट कैसे बन गए? उन्होंने न किसी ऐसे मतदाता को वोट डालने के लिए कहा और न उनके वोट बनवाए. यह गलती निर्वाचन अधिकारियों की है.
राई में इस बार कांग्रेस के जयतीर्थ दहिया और इनेलो के इंद्रजीत दहिया में तीसरी बार आमने-सामने का मुकाबला होना था. भाजपा ने राई क्षेत्र से पूर्व मंत्री कृष्णा गहलावत का टिकट काट कर इस बार मोहनलाल कौशिक को अवसर दिया है. लेकिन मतदान से तीन दिन पहले इनेलो के उम्मीदवार इंद्रजीत दहिया कांग्रेस उम्मीदवार जयतीर्थ दहिया के समर्थन में मैदान से हट गए.लोगों के बीच संदेश भेजने के मकसद से दोनों ने साथ-साथ फोटो भी खिंचवाई हैं. दोनों एक ही गांव के हैं. लोग हैरान हैं कि पिछले चुनाव में तीन वोट से हारने वाले इंद्रजीत दहिया ने विधायक बनने की उम्मीद में पंजाब व हरियाणा में मुकदमा लड़ा और फैसला भी उनके विरोधी जयतीर्थ दहिया के खिलाफ आया, लेकिन अब वे दोनों कैसे एक-दूसरे के गले लग गए? जो भी हो, इस भारत मिलाप को लोग कैसे देखते हैं, इसका फैसला तो 24 अक्तूबर को ही आएगा.