नई दिल्लीः शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के चुनाव 18 सितंबर को होंगे। विश्वविद्यालय ने बुधवार को यह घोषणा की। विश्वविद्यालय ने बताया कि मतगणना 19 सितंबर को होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की एक अधिसूचना के अनुसार, दिन की कक्षाओं के लिए मतदान सुबह साढ़े आठ बजे से अपराह्न एक बजे तक होगा जबकि शाम की कक्षाओं के छात्र अपराह्न तीन बजे से शाम साढ़े सात बजे तक मतदान कर सकेंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि नामांकन पत्र, वार्षिक शुल्क के रूप में 500 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट और एक लाख रुपये का बॉण्ड जमा करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर को अपराह्न 3 बजे तक है। इसके अनुसार नामांकन पत्रों की जांच उसी दिन अपराह्न 3:15 बजे की जाएगी, जिसके बाद शाम छह बजे तक विधिवत नामांकित उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित की जाएगी।
अधिसूचना के अनुसार नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 11 सितंबर दोपहर 12 बजे तक है तथा उम्मीदवारों की अंतिम सूची उसी दिन शाम पांच बजे तक प्रकाशित कर दी जाएगी। डूसू पदों के लिए, नामांकन पत्र उत्तरी परिसर में वनस्पति विज्ञान विभाग के सामने, सम्मेलन केंद्र स्थित मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में जमा किए जाने चाहिए।
केंद्रीय परिषद की सीट के लिए नामांकन पत्र संबंधित कॉलेजों या विभागों में जमा किए जाने चाहिए। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि आचार संहिता, छात्र संघ चुनावों पर उच्चतम न्यायालय के आदेश और संबंधित दिशानिर्देश डीयू की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 18 सितंबर को होंगे। अगले दिन मतगणना (19 सितंबर) होगी।
आगामी डूसू चुनावों के लिए शुक्रवार को दिशानिर्देश जारी किए हैं। उम्मीदवारों के लिए एक लाख रुपये का बॉण्ड अनिवार्य कर दिया गया है। पोस्टर, दीवार पर लेखन, रैलियों, लाउडस्पीकर और रोड शो पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। डीयू के कुलसचिव विकास गुप्ता की ओर से जारी दिशानिर्देशों में छात्रों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय के विभागों से इसका सख्ती से पालन करने का आह्वान किया गया है।
डीयू ने कहा कि ये दिशानिर्देश विभिन्न कानूनी प्रावधानों, अदालती आदेशों और लिंगदोह समिति की सिफारिशों पर आधारित हैं। विश्वविद्यालय ने विरूपण को रोकने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाखिल करते समय एक लाख रुपये का बॉण्ड जमा करना अनिवार्य कर दिया है।
इसमें कहा गया है कि यदि उम्मीदवार या उनके समर्थक विरूपण मानदंडों का उल्लंघन करते पाये जाते हैं, तो यह राशि जब्त कर ली जाएगी। डूसू के अध्यक्ष रौनक खत्री ने दिशानिर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह दिशानिर्देश छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि निम्न आय वर्ग का कोई व्यक्ति नामांकन के लिए आवश्यक एक लाख रुपये का बॉण्ड नहीं भर सकता।
इसलिए वे चाहकर भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।” छात्रों को शुरू से ही सचेत करने के लिए, विश्वविद्यालय ने दाखिले के समय रैगिंग-रोधी हलफनामे की तरह ही एक ‘‘विरूपण-रोधी हलफनामा’’ सौंपे जाने का प्रस्ताव किया था। दिशानिर्देश के अनुसार, कॉलेजों और विभागों को छात्र संघ चुनाव के समय छात्रों को परिसर में शिष्टाचार बनाए रखने को प्रोत्साहित करने के वास्ते जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। इसमें कहा गया है कि कॉलेजों को छात्र संघ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए बहस के आयोजन को बढ़ावा देना चाहिए, जिन्हें संबंधित वेबसाइटों पर अपलोड किया जा सकता है।
दिशानिर्देश में कहा गया है कि कॉलेजों को चुनाव संबंधी सामग्री लगाने के लिए निर्धारित दो स्थानों पर दीवारों का आकार बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। इसमें कहा गया है कि इन निर्दिष्ट क्षेत्रों के बाहर पोस्टर लगाने, दीवारों पर नारे लिखने, रैलियां करने, लाउडस्पीकर के इस्तेमाल और रोड शो पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिशानिर्देशों में कहा गया है, “ऐसा न करने पर 25,000 रुपये का जुर्माना, निलंबन, निष्कासन या चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है।”