नयी दिल्ली, 2 मार्च प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के विजय राघवन ने मंगलवार को कहा कि ज्ञान के सृजन के अवसरों में बढ़ोतरी और ज्ञान व समाज के बीच की दूरी में कमी लाने से भारत विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बन सकता है।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जिओलॉजी (डब्ल्यूआईएचजी) द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राघवन ने भारत में व्यापक डाटा के विश्लेषण में कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस) के उपयोग में बढ़ोतरी का भी उल्लेख किया ।
उन्होंने कहा, ‘‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में मानवीय दखल का खासा गहरा प्रभाव होता है और वर्तमान दौर में पारम्परिक के साथ ही ज्ञान आधारित आत्मनिर्भर संगठनात्मक समाज के निर्माण की जरूरत है।’’
राधवन ने कहा कि ज्ञान के सृजन के अवसरों में बढ़ोतरी और ज्ञान व समाज के बीच की दूरी में कमी लाने के साथ ही व्यापक डाटा के विश्लेषण में कृत्रिम बुद्धिमता के उपयोग में बढ़ोतरी से भारत विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता बन सकता है।
तकनीक कुशल विश्व में भूविज्ञान की भूमिका पर जोर देते हुए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा कि हिमालय के उत्थान से वैश्विक स्तर पर मानव सभ्यता को आकार मिला है।
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