कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता से दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही है. पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी ऑपरेशन लोटस के तहत सरकार बनाने की कोशिशों में लगी हुई है. और इसी बीच खबर है कि कर्नाटक सरकार से उसके दो निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है. इसका मतलब है कि कर्नाटक में बीजेपी ऑपरेशन लोटस को जल्द से जल्द कमल खिलाना चाहती है.
पार्टी के एक नेता राम शिंदे ने ये दावा किया है कि दो दिनों के भीतर भाजपा कर्नाटक में सरकार बनाएगी. निर्दलीय बीजेपी के संपर्क में हैं और आगे भी तोड़-फोड़ मचने की स्थिति दिख रही है.क्या भाजपा जेडीएस के विधायकों पर नजर बनाए हुए है? इसका अंदाजा सबको था कि भाजपा कर्नाटक में ज्यादा दिन तक इंतजार नहीं कर सकती लेकिन ऐसा लग रहा था कि लोकसभा चुनाव तक बीजेपी अपने जोड़-तोड़ को थाम के रखेगी.
कांग्रेस ने खेला था दांव
कर्नाटक चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई थी लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से जेडीएस को समर्थन देते हुए बीजेपी को सत्ता से दूर रखा, उससे बीजेपी के नेता आज तक उबर नहीं पाए हैं. कर्नाटक बीजेपी के नेताओं का मानना है कि जनता ने मैंडेट उनके पक्ष में दिया था इसलिए सत्ता भी उन्हें ही मिलनी चाहिए. लेकिन आलाकमान के दबाव के कारण वो पूरी तरह नहीं खेल पा रहे हैं. लेकिन उनकी भावनाएं रह-रह के सामने आ रही हैं.
कांग्रेस ने 39 सीटों वाली जेडीएस के चीफ कुमारस्वामी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया इसके कारण उन्हें अब भाजपा की तरफ से भी लगातार चुनौतियां मिल रही हैं. कांग्रेस ने अपने विधायकों को पॉलिटिकल हनीमून के लिए गोवा भेजकर भारतीय जनता पार्टी के तोड़-फोड़ से बचाया था. लेकिन अब बार-बार गोवा भेजना पार्टी के लिए भी संभव नहीं है क्योंकि वहां भी बीजेपी की सरकार है जो राजनीतिक कलाबाजियों का ही परिणाम है.