जोधपुर (राजस्थान), 16 सितंबर भंवरी देवी अपहरण व हत्याकांड में अदालत ने अभियोजन की गवाह एम्बेर बी कैर की गवाही के बिना ही सुनवाई को आगे बढ़ाने को कहा है क्योंकि उन्हें निचली अदालत के समक्ष पेश करने के लिए सीबीआई को उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रदान की गई दो महीने की समयसीमा बृहस्पतिवार को समाप्त हो गई। कैर अमेरिका की एजेंसी एफबीआई की डीएनए विशेषज्ञ हैं।
सीबीआई के विशेष वकील अशोक जोशी ने कहा कि कैर को कई बार समन जारी करने के बावजूद वह गवाही के लिए अदालत के समक्ष पेश नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने अब उनकी गवाही के बिना ही सुनवाई आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
सीबीआई ने एक बार फिर अदालत से कैर को नया समन जारी करने की अनुमति मांगी, जिन्होंने एफबीआई की फोरेंसिक प्रयोगशाला में केंद्रीय एजेंसी द्वारा बरामद भवंरी देवी की जली हुई हड्डियों की डीएनए जांच की थी, लेकिन अदालत ने इसकी अनुमति नहीं दी।
भंवरी देवी जोधपुर के जालीवाड़ा गांव में नर्स के तौर पर कार्यरत थीं और सितंबर 2011 में लापता हो गई थीं। उनके पति ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा के कहने पर भंवरी देवी का अपहरण किया गया।
मदेरणा और भंवरी देवी के आपत्तिजनक दृश्यों वाली एक सीडी सामने आने के बाद मंत्री को बर्खास्त कर दिया गया था और बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
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