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'केंद्र पंजाब में 8 लाख राशन कार्ड रद्द करना चाहता है': सीएम भगवंत मान का दावा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 23, 2025 18:53 IST

भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने केंद्र को पत्र लिखकर लाभार्थियों के सत्यापन के लिए छह महीने का समय मांगा है। एनएफएसए के तहत प्रत्येक लाभार्थी को दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पांच किलोग्राम गेहूं प्रति माह मिलता है।

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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत आठ लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों के नाम हटाना चाहती है, लेकिन उनकी सरकार ऐसा नहीं होने देगी। मुख्यमंत्री ने एनएफएसए के तहत लाभार्थियों के नाम हटाने के सुझाव के लिए केंद्र द्वारा अपनाए गए मानदंडों पर भी सवाल उठाया। 

यहां संवाददाताओं से बातचीत में मान ने कहा कि उनकी सरकार को हाल ही में केंद्र से एक रिपोर्ट मिली है जिसमें कहा गया है कि पंजाब में 8,02,493 राशन कार्ड धारकों के नाम हटाए जाने चाहिए क्योंकि वे अब इसके लिए पात्र नहीं हैं। मान ने कहा कि अगर हम प्रति परिवार चार सदस्यों पर विचार करें तो इसका राज्य में कम से कम 32 लाख लोगों पर प्रभाव पड़ेगा। 

लाभार्थियों के राशन कार्ड रद्द करने के लिए अपनाए गए मानदंडों पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के अनुसार, जिन लाभार्थियों के पास चार पहिया वाहन है या जिनके पास 2.50 एकड़ से अधिक जमीन है, उन्हें सूची से बाहर रखा जाएगा। मान ने पूछा कि अगर किसी राशन कार्ड धारक को सरकारी नौकरी मिल जाए और वह अपने गांव से शहर चला जाए तो क्या उसके परिवार के बाकी सदस्यों को राशन नहीं मिलेगा? 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर राशन कार्ड धारक के पास कार है, लेकिन उसके भाई के पास कार नहीं है, तो परिवार के बाकी सदस्यों का क्या दोष है।’’ मान ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र को एक भी राशन कार्ड रद्द नहीं करने देगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में एनएफएसए के तहत कुल 1.53 करोड़ लाभार्थी हैं और उन्हें गेहूं दिया जाता है। 

मान ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार का कहना है कि उनमें से कई (लाभार्थी) फर्जी हैं।’’ मान ने कहा कि उन्होंने केंद्र को पत्र लिखकर लाभार्थियों के सत्यापन के लिए छह महीने का समय मांगा है। एनएफएसए के तहत प्रत्येक लाभार्थी को दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से पांच किलोग्राम गेहूं प्रति माह मिलता है।

इनपुट - भाषा एजेंसी

टॅग्स :भगवंत मानपंजाबCenter
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