Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर को लेकर हलचल तेज है। सभी तैयारी जोर-शोर पर है। सांस्कृतिक महत्व से भरे एक संकेत में थाइलैंड अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले रामजन्मभूमि पर मिट्टी भेज रहा है। थाइलैंड की दो नदियों से भगवान राम के मंदिर में पानी भेजने के पहले घोषणा की है।
विश्व हिंदू फाउंडेशन (डब्ल्यूएचएफ) के संस्थापक और वैश्विक अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानंद ने एएनआई के साथ एक विशेष बातचीत में कहा कि इस अद्वितीय संबंध का उद्देश्य थाइलैंड और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है। 22 जनवरी 2024 को रामलला अभिषेक समारोह की तैयारी चल रही है।
थाइलैंड से मिट्टी राम जन्मभूमि के पवित्र स्थल पर भेजी जा रही है। स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग केवल मिट्टी तक ही सीमित नहीं है। मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक बंधन है। राजा भगवान राम के वंशजों से हैं। यहां के हर राजा के नाम में भी राम की उपाधि होती है जो यहां की पुरानी परंपरा है।
थाइलैंड में बैंकॉक एशियाई दक्षिणपूर्व देश का हिस्सा है, जहां समृद्ध हिंदू सांस्कृतिक विरासत मौजूद है। विश्व हिंदू कांग्रेस आयोजित करने की योजना बनाई है। स्वामी विज्ञानानंद ने कहा कि हमने 51 देशों की पहचान की है, जो अयोध्या में भगवान राम के अभिषेक के गवाह बनेंगे। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के लोकार्पण के अवसर पर 22 जनवरी उत्तर प्रदेश सरकार उत्सव के रूप में मनायेगी।
मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक राज्य के सभी प्रतिष्ठित मंदिर एवं मठों में अखण्ड रामायण, रामचरितमानस तथा हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन होगा। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यहां यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के माध्यम से स्थानीय कलाकारों द्वारा मकर संक्रांति 14 जनवरी से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी तक लगातार रामायण एवं रामचरितमानस तथा हनुमान चालीसा का पाठ कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का संस्कृति विभाग इसके लिए आवश्यक तैयारी कर रहा है।