ईटानगर, 22 नवंबर अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री बामंग फेलिक्स ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने पूर्वोत्तर के दो पड़ोसियों के बीच लंबित सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अपने असम समकक्ष के साथ चर्चा शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि दोनों सरकारें यथास्थिति बनाए रखने और मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने पर सहमत हुई हैं। असम के वन विभाग द्वारा पिछले हफ्ते विवादित सीमा पर तीन गांवों के निवासियों को बेदखली का नोटिस दिए जाने के बाद यह चर्चा शुरू हुई है।
फेलिक्स ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और विभिन्न स्तरों पर बातचीत शुरू हो गई है।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस मुद्दे पर असम के अपने समकक्ष हेमंत बिस्व सरमा से बात की है।
फेलिक्स ने कहा, ‘‘राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक ने भी असम के अपने समकक्षों के सामने इस मामले को उठाया है।’’ असम के उत्तरी लखीमपुर जिले में हरमुट्टी के रेंज वन अधिकारी (आरएफओ) ने एक नोटिस जारी कर किमिन सर्कल के तहत तीन गांवों के लोगों को 15 दिन के अंदर जगह खाली करने के लिए कहा। इस नोटिस के बाद अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न संगठनों ने नाराजगी जताई।
असम से अलग कर अरुणाचल का गठन हुआ था। शुरू में यह एक केंद्र शासित प्रदेश था। वर्ष 1987 में अरुणाचल प्रदेश पूर्ण राज्य बन गया। दोनों राज्य 804.1 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। अरुणाचल की शिकायत यह है कि पूर्वोत्तर के राज्यों के पुनर्गठन के दौरान मैदानी इलाकों में कई वन क्षेत्र जो परंपरागत रूप से पहाड़ी आदिवासी प्रमुखों और समुदायों के थे, उन्हें एकतरफा तरीके से असम में स्थानांतरित कर दिया गया था।
फेलिक्स ने ऑल निशि स्टूडेंट्स यूनियन (एएनएसयू) से राज्य और उसके लोगों के व्यापक हित में मंगलवार को ‘‘कैपिटल कॉम्प्लेक्स रीजन’’ के लिए बंद का आह्वान वापस लेने का भी आग्रह किया।
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