पटना: बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए उन्होंने इस योजना से युवाओं को मिलने वाले लाभ के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, "चार साल पूरे होने के बाद अग्निवीरों के पास नए सिरे से शुरू करने के लिए 12 लाख का आर्थिक पैकेज होगा।"
अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा, "ऋण, शैक्षिक पाठ्यक्रम, सीएपीएफ के लिए उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। विपक्ष छात्रों को गुमराह कर रहा है और उनके गुंडे सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं।" बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को जिस नई योजना को मंजूरी दी थी, उसके तहत सैनिकों को चार साल के लिए 30,000 रुपये के शुरुआती वेतन के साथ भर्ती किया जाएगा। चार साल बाद 75 फीसदी जवानों को 11.71 लाख रुपये के पैकेज के साथ वापस भेजा जाएगा जबकि 25 फीसदी जवानों को अगले 15 साल के लिए रखा जाएगा।
सेना के उम्मीदवार चार साल के टेन्योर का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे बेरोजगार हो जाएंगे और इसका कोई अन्य लाभ नहीं होगा। यूपी, बिहार, हरियाणा और तेलंगाना में हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों के समर्थन में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल सामने आए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस योजना के खिलाफ बोलते हुए कहा है कि मोदी सरकार के मन में सेना के लिए कोई सम्मान नहीं है।
अग्निपथ योजना की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नए कार्यक्रम के तहत भर्ती किए गए सैनिकों के पास चार साल बाद कोई रैंक, कोई पेंशन और कोई स्थिर भविष्य नहीं होगा। हालांकि, जहां कांग्रेस ने उम्मीदवारों का समर्थन किया है, वहीं उसके सांसद मनीष तिवारी ने यह कहते हुए योजना का समर्थन किया है कि यह सही दिशा में एक अच्छा सुधार है। तिवारी ने कहा कि भारत को अत्याधुनिक हथियारों से लैस प्रौद्योगिकी पर हल्के मानव पदचिह्न के साथ एक युवा सशस्त्र बल की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि केंद्र के सशस्त्र बलों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होना चाहिए। नई योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा। वहीं, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि पहला अग्निवीर दिसंबर (2022) तक हमारे रेजिमेंटल केंद्रों में शामिल हो जाएगा और अगले साल के मध्य तक हमारे परिचालन और गैर-परिचालन में तैनाती के लिए उपलब्ध होगा।