1971 में हुई भारत-पाकिस्तान की जंग वैसे तो केवल 13 दिनों में खत्म हो गई और ये दुनिया के सबसे छोटी जंगों में से एक है. हालांकि, इसके परिणाम दूरगामी हुए. भारत ने पाकिस्तान को कई मोर्चों पर मात दी. ...
टकराव की स्थिति को 90 दिनों से ज्यादा समय हो गया है. क्या चीन यह मानकर चल रहा है कि आपस की बातचीत के दौर चलते रहेंगे और दोनो देशों के सैनिक सितंबर के बाद से शुरू हो रहे ठंडे मौसम में भी 16000 फुट की ऊंचाई पर अपने अपने इलाकों में अलर्ट पर बने रहेंगे? ...
प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी की आकस्मिक और गोपनीय लद्दाख यात्ना ने सबको चौंका दिया. इस यात्ना के कई पहलू हैं और देश की सुरक्षा से जुड़े कई समीकरणों को समझना जरूरी है. ...
पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक बार फिर से कुछ सीख देने की सोच ने भारत सरकार को नया अध्याय लिखने के लिए बाध्य किया. इस बार जमीनी आक्र मण की जगह वायुसेना को सीमा पार जाने का हुक्म हुआ. ...
अगुस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर में हुई घूसखोरी के चलते भारत सरकार ने नए विकल्प तलाशे थे. सिकोरस्की की ओर से एमएच-60 रोमियो को अगुस्ता के बदले में अनुबंध मिलना लगभग तय था.2012 में 44 हेलिकॉप्टर की जरूरत नौसेना को थी. ...
पाकिस्तान ने भीषण आत्मघाती और आक्रामक हमले को कश्मीर की धरती पर अंजाम दिया था. कश्मीर में सेना पर फायरिंग पहले भी होती थी लेकिन बम से आत्मघाती हमले में इतनी संख्या में सैनिकों को हताहत करने की यह पहली घटना थी. ...
हिंद महासागर में लंबी दूरी तक आकाश में निगरानी रखने की रणनीतिक जरूरत के मद्देनजर भारतीय वायुसेना के सुखोई एमकेआई 30 के एक स्क्वाड्रन की स्थापना वायुसेना प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की उपस्थिति में सोमवार को पूरी हुई. ...
पिछले वर्ष सीमा पार से आतंकी घटनाओं ने एक अलग किस्म की चुनौती हमारे सम्मुख पेश की थी. हमने डट कर मुकाबला किया और आतंकियों को मार गिराया था. अपने दायित्व को निभाने में सेना कभी पीछे नहीं रही है. देश के भीतर बाढ़, भू स्खलन, प्राकृतिक आपदा और अन्य परिस् ...