सारंग थत्ते का ब्लॉग: पाकिस्तान में गुजरे अभिनंदन के वह अविस्मरणीय 60 घंटे
By सारंग थत्ते | Published: March 1, 2020 10:51 AM2020-03-01T10:51:39+5:302020-03-01T10:51:39+5:30
पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक बार फिर से कुछ सीख देने की सोच ने भारत सरकार को नया अध्याय लिखने के लिए बाध्य किया. इस बार जमीनी आक्र मण की जगह वायुसेना को सीमा पार जाने का हुक्म हुआ.
वह युद्ध ही तो था! जी हां, उसे युद्ध ही कहेंगे, यह छद्मयुद्ध की पराकाष्ठा थी. अर्धसैनिक बलों के काफिले में अपनी एसयूवी, जिसमें लगभग 300 किलोग्राम विस्फोटक को भरकर, दाखिल होना और सिपाहियों से भरी बस को क्षणभर में बर्बाद कर देना-यह युद्ध ही तो था. पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी 2019 को दोपहर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लेथपोरा के नजदीक इस आईईडी से भारत-पाक रिश्तों में एक गहरी दरार को अंजाम दे डाला था.
पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक बार फिर से कुछ सीख देने की सोच ने भारत सरकार को नया अध्याय लिखने के लिए बाध्य किया. इस बार जमीनी आक्र मण की जगह वायुसेना को सीमा पार जाने का हुक्म हुआ. 25/26 फरवरी 2019 की मध्य रात्रि के बाद लगभग 1 बजे ग्वालियर वायुसेना बेस से कई मिराज 2000 ने उड़ान भरी. रडार पर पहले इन्हें बरेली की तरफ जाते हुए देखा गया, फिर यह हवाई कारवां जम्मू-कश्मीर की तरफ चल पड़ा.
30,000 फुट की ऊंचाई पर पाकिस्तानी एवैक को चकमा देते हुए 16 लड़ाकू जहाज पीओके में दाखिल हुए. चार मिराज 2000 बैकअप के खातिर भारतीय वायुक्षेत्न में गश्त लगा रहे थे. इजराइल के बने हुए पांच स्पाइस 2000 बम सीमा पार लगभग 15 किमी भीतर टारगेट पर गिराए गए थे. तकरीबन 21 मिनट में सीमा पार घुसना और सकुशल वापस भारतीय इलाके में आने का समय दर्ज हुआ. पाकिस्तानी एयर फोर्स में उस रात बौखलाहट थी.
पाकिस्तानी वायुसेना को रातोंरात हुक्म हुआ कि ऑपरेशन स्विफ्ट रीटॉर्ट के तहत भारतीय इलाके में जाकर बमबारी की जाएगी. सीमा से सटे हुए एक ब्रिगेड मुख्यालय को पाकिस्तान ने चुना और 27 फरवरी को पाक लड़ाकू जहाज हमारे इलाके में आ धमके. पाकिस्तान ने दो भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराने की बात कही थी. एक ब्रिगेड मुख्यालय के पास बम गिराए गए थे. जबकि हमारा एक लड़ाकू हवाई जहाज मिग 21 जिसे विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान उड़ा रहे थे, जमींदोज हुआ था. अभिनंदन ने पैराशूट से छलांग लगाई थी. लेकिन इससे पहले उन्होंने पाकिस्तान के एक एफ-16 विमान और पायलट को मार गिराया था. गांव वालों से बचने के लिए अभिनंदन ने दौड़ लगा दी और हवाई फायर भी किया. पास ही मौजूद एक पानी के पोखर में कूद गए और कुछ जरूरी कागजात चबा गए थे.
जिस जगह यह हादसा शुरू हुआ वह होररान गांव था जो भींभर जिले में हमारी सरहद से सिर्फ 7 किमी दूर था. पाकिस्तानी बाशिंदों ने अभिनंदन के साथ हाथापाई की. इस मारपीट में उनकी पसलियों में और चेहरे पर चोट आई थी. पाकिस्तानी सेना की एक टीम ने उन्हें गांव वालों से बचाया.
इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए पाकिस्तानी सेना के यूनिट और मुख्यालय ले जाया गया. उन्हें प्रताड़ित किया गया, अति संवेदनशील जानकारी की खोज में पाकिस्तानी अधिकारी सवालों को बदल-बदल कर पूछते रहे, लेकिन अभिनंदन अडिग रहे, उन्होंने सिर्फजिनेवा कन्वेंशन के अंतर्गत युद्धबंदी द्वारा दी जाने वाली जानकारी-अपना नाम, रैंक और नंबर ही बताया. 28 फरवरी का दिन इसी पूछताछ में बीता था. जैसे ही अभिनंदन की खबर देश और दुनिया में फैली वैसे ही विशेषज्ञों ने उनके साथ युद्धबंदी की तर्ज पर व्यवहार करने की गुहार लगाई.
पाकिस्तान को मजबूरन 48 घंटे के भीतर ही अभिनंदन को छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा था. हालांकि भारत आते-आते कुल 60 घंटे का समय बीत चुका था, जब तक विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान पाकिस्तान की धरती पर रहे थे.