सारंग थत्ते का ब्लॉग: नए सेनाध्यक्ष, नई ऊर्जा के साथ अजेय है सेना

By सारंग थत्ते | Published: January 16, 2020 03:42 PM2020-01-16T15:42:49+5:302020-01-16T15:42:49+5:30

पिछले वर्ष सीमा पार से आतंकी घटनाओं ने एक अलग किस्म की चुनौती हमारे सम्मुख पेश की थी. हमने डट कर मुकाबला किया और आतंकियों को मार गिराया था. अपने दायित्व को निभाने में सेना कभी पीछे नहीं रही है. देश के भीतर बाढ़, भू स्खलन, प्राकृतिक आपदा और अन्य परिस्थितियों में सेना को बुलाया जाता रहा है

Sarang Thatte's blog: new army chief, army is unstoppable with new energy | सारंग थत्ते का ब्लॉग: नए सेनाध्यक्ष, नई ऊर्जा के साथ अजेय है सेना

सारंग थत्ते का ब्लॉग: नए सेनाध्यक्ष, नई ऊर्जा के साथ अजेय है सेना

आजाद हिंदुस्तान को अपनी सेना के लिए प्रमुख के चुनाव और नियुक्ति में समय जरूर लगा, देश के बंटवारे के पश्चात अंग्रेजों के हाथ से देश की बागडोर लेने के उपरांत कुछ समय तक अंग्रेजी अधिकारियों की जिम्मेवारी पर सेना का दारोमदार रखा गया था. उस समय सबसे शीर्ष क्र म में तीन अधिकारी नामांकित हुए - राजेंद्र सिंहजी जडेजा, के.एम. करिअप्पा और नाथू सिंह. तीनों ही आर्मी कमांडर थे, तीनों ही लेफ्टिनेंट जनरल थे लेकिन शीर्षता में करिअप्पा का बनना बिल्कुल तय था. 4 दिसंबर 1948 को लेफ्टिनेंट जनरल करिअप्पा के नाम पर मुहर लगी. 15 जनवरी 1949 को सुबह ठीक नौ बजे जनरल करिअप्पा ने कमांडर-इन-चीफ के साउथ ब्लॉक दफ्तर में प्रवेश किया, लेफ्टिनेंट जनरल करिअप्पा उस दिन बन गए स्वतंत्न भारत के प्रथम कमांडर-इन-चीफ. इसी ऐतिहासिक दिन 15 जनवरी को तब से सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है.

देश की सशस्त्न सेना के सामने चुनौतियों का अंबार है. पिछले वर्ष सीमा पार से आतंकी घटनाओं ने एक अलग किस्म की चुनौती हमारे सम्मुख पेश की थी. हमने डट कर मुकाबला किया और आतंकियों को मार गिराया था. अपने दायित्व को निभाने में सेना कभी पीछे नहीं रही है. देश के भीतर बाढ़, भू स्खलन, प्राकृतिक आपदा और अन्य परिस्थितियों में सेना को बुलाया जाता रहा है - इस काम में हमारे वीर सेनानी हमेशा अग्रणी रहे हैं. आज 72 वें सेना दिवस पर भारतीय सेना एक बार फिर नमन कर रही है उन वीर सैनिकों को, जिनकी बदौलत इस देश की सीमाएं महफूज हैं.
 
इस बार नए सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणो पहली बार सेना दिवस पर देश के सैनिकों को संबोधित करेंगे. सेना प्रमुख ने पिछले वर्ष 31 दिसंबर को 27 वें सेनाध्यक्ष की हैसियत से 13 लाख की विश्व की चौथी बड़ी सेना का नेतृत्व संभाला था. हर वर्ष की तरह सालाना सेना दिवस से पहले होने वाली सेना प्रमुख की प्रेस वार्ता में बड़े सवालों के बीच दूरदर्शी सोच के साथ देश को नए संकल्प और चुनौतीपूर्ण क्षेत्नों में काम करने की जवाबदारी की पहचान बखूबी की है. अपने अधीन अधिकारियों, जेसीओ और सैनिकों को दिशानिर्देश  भी दिए. सेना प्रमुख ने अपनी पहली प्रेस वार्ता में कुछ प्रमुख मुद्दों पर देश और सैनिकों का ध्यान आकर्षित किया है. जनरल नरवणो ने भारतीय सेना के सबसे जरूरी हिस्से पर जोर दिया - सेना की पहचान और छवि. सेना में नए सेना प्रमुख सादगीचाहते हैं  तथा रेड कार्पेट की दुविधा से यूनिटों को दूर रहने की सलाह भी उन्होंने दी है.

Web Title: Sarang Thatte's blog: new army chief, army is unstoppable with new energy

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