वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार। राज्य सभा टीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक। वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज, सीएनईबी, बीएजी फिल्मस, आज तक, नई दुनिया इत्यादि मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर रहे।Read More
क्या कोई इस दुष्प्रचार के पीछे छिपी चेतावनी समझ रहा है? इस चुनाव अभियान के जरिए राजनेता जितनी घटिया और निकृष्ट शब्दावली इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे दुनिया का कोई सभ्य समाज स्वीकार नहीं करेगा। ...
हर क्षेत्नीय दल अपने ही घर में संग्राम का शिकार है. कार्यकर्ता भ्रम में है. आम अवाम का नुकसान हो रहा है. किसी भी सभ्य प्रजातांत्रिक समाज के लिए यह अच्छा नहीं है. ...
हमारे राजनेताओं और फौज के आला अफसरों ने मीडिया में वाहवाही लूटने का कोई अवसर न छोड़ा। एक संप्रभु देश के रूप में म्यांमार को चीन तथा अन्य शुभचिंतकों का भारी दबाव और विरोध सहना पड़ा। ...
1991 में आम चुनाव से पहले राममंदिर बनाने के मुद्दे पर लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा निकाली तो माना गया कि भाजपा राम के सहारे चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है। बात सही थी। पार्टी को उसका फायदा भी हुआ। रामलला के पड़ोसी राजा विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्र ...
प्रधानमंत्नी की सभा प्रत्याशित थी, पत्नकार वार्ता अप्रत्याशित। फिर भी कहीं कोई धर्मसंकट की नौबत आ ही गई थी तो पत्नकार वार्ता को दोपहर भोज में बदला जा सकता था। ...
पिछले आम चुनाव में चुनाव आयोग ने पेड न्यूज तथा अन्य खराबियों को रोकने के लिए जिला स्तर से लेकर प्रदेशों की राजधानियों तक मीडिया निगरानी केंद्र बनाए थे। इन केंद्रों में सैकड़ों प्रोफेशनल्स को चौबीसों घंटे इस काम में लगाया गया था। ...