लेखक-पत्रकार प्रकाश बियाणी मूलतः बैंकर रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक में 25 साल तक सेवाएं देने के बाद 'दैनिक भास्कर' में बतौर कार्पोरेट संपादक सेवाएं दीं। अब पत्र-पत्रिकाओं के लिए नियमित लेखन करते हैं।Read More
सरकार ने इन कंपनियों को सारे संसाधन व संरक्षण उपलब्ध करवाए, पर किसी से प्रतिस्पर्धा न होने से ये राजनेताओं और अफसरों के लिए सोने की खान और श्रमिकों के लिए सैरगाह बन गए. इनमें श्रमिकों की संख्या तो बढ़ती गई, पर उत्पादन घटता गया. उन दिनों सरकार तय करती ...
कोरोना महामारी है इसलिए सरकार भी गरीबों को इसे पोलियो ड्राप की तरह उपलब्ध करवाएगी, पर यह आज नहीं 5-10 साल बाद होगा. इस दौरान ओरिजनल और जेनेरिक कोरोना वैक्सीन या मेडिसिन बनाने वाले पैसा कमाएंगे. ...
चीन को डर है कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत के कब्जे में चला गया तो उसका 3 हजार किमी लंबा 46 बिलियन डॉलर का सिल्क रोडवाला इकॉनोमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट फ्लॉप हो जाएगा। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पहले 5 साल कृषि रिफार्म पर फोकस नहीं किया, पर अब 20 लाख करोड़ रुपए का कोरोना राहत पैकेज लांच करते हुए वित्त मंत्री ने कृषि उपज की सीधे बिक्री या कृषि उपज के भंडारण से प्रतिबंध हटाने जैसी घोषणा की है जो देश में सबसे ज्या ...
सरकार को मिडिल क्लास को भी राहत देनी चाहिए. अमेरिका की तरह यह राहत सीधे उनके खाते में जमा करे. आप कहेंगे कि अमेरिका अमीर देश है तो यह जान लीजिए कि मिडिल क्लास जो कर चुकाता है, उससे ही सरकार गरीबों को मदद करती है. और यह मिडिल क्लास की बचत ही है जो बैं ...
खबर है कि इस बार नोट छापने के लिए सरकार प्रतिभूति के लिए जिन विकल्पों पर विचार कर रही है, उनमें शामिल हैं- हमारे घरों में संगृहीत सोना, रिजर्व बैंक का स्वर्ण और विदेशी मुद्रा भंडार. अनुमान लगाया जाता है कि भारतीय परिवारों के पास 1.5 ट्रिलियन डॉलर (कर ...
अब कोरोना संकट समाप्त होते ही ये प्रवासी मजदूर फिर रोजगार की तलाश में घर से निकलेंगे. क्या सरकार इस घटना से सबक सीखेगी और ऐसा बंदोबस्त करेगी कि ये जहां हों, इन्हें वहां सस्ता अनाज मिले. ...