प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: चीन का भी हो सकता है सोवियत संघ जैसा विघटन
By Prakash Biyani | Published: June 15, 2020 05:46 AM2020-06-15T05:46:10+5:302020-06-15T05:46:10+5:30
पिछले चार दशक में माओ से लेकर शी जिनपिंग तक सारे चीनी शासकों ने जिस मंत्न से सारी दुनिया को ठगा, वह है- ‘अपनी ताकत छुपाओ और इंतजार करो.’
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की एक भूल ने चीन को भस्मासुर बनाया जो आज अमेरिका के लिए ही मुसीबत बन गया है. रिचर्ड निक्सन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे जो 1972 में चीन गए थे. चीन के साम्यवादी नेता माओ ने उनसे कहा था- ‘हमारे पास सस्ते मजदूर हैं, आपके पास टेक्नोलॉजी. हम दोनों इसका लाभ उठा सकते हैं.’
रिचर्ड निक्सन ने इस प्रस्ताव को मान लिया तो चीन के चालाक नेतृत्व ने सामान के साथ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज में अपने स्टूडेंट्स भी भेजे. वे रिवर्स इंजीनियरिंग करचीन में अमेरिका जैसी मशीनें बनाने लगे.
सस्ते सामान का मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर चीन ने खूब पैसा कमाया. पिछले चार दशक में माओ से लेकर शी जिनपिंग तक सारे चीनी शासकों ने जिस मंत्न से सारी दुनिया को ठगा, वह है- ‘अपनी ताकत छुपाओ और इंतजार करो.’
चार साल पहले डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने चीन की संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान दिया. वे यह जानकार चौंक उठे कि चीन और अमेरिका के बीच टेक्निकल गैप खत्म होने के कगार पर है. कई क्षेत्नों में तो चीन अमेरिका से भी आगे निकल गया है. उन्होंने चायनीज गुड्स पर भारी-भरकम कर लगाया तो दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर शुरू हुआ. इस ट्रेड वॉर में चीन से निकले कोविड-19 ने दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर पहुंचा दिया है.
चीन में एकदलीय लगभग तानाशाही शासन है. विश्व बिरादरी के बहिष्कार से चीन की अर्थव्यवस्था ढहने लगी है. कोरोना संकट के बाद चीन को करीब 1600 बिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है. विदेशी कंपनियां पलायन करने लगी हैं. उसकी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना खटाई में पड़ गई है.
हाल ही में चीन के मानवाधिकार एक्टिविस्ट लॉयर टेंग बियाओ ने न्यूयॉर्क के संडे स्टैंडर्ड को बताया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी तीन गुटों में बंट गई है. शंघाई और बीजिंग गुट प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के ङोनजियांग गुट का विरोध करने लगे हैं. उनका मानना है कि कोविड-19 से चीन दुनिया में बदनाम हुआ है जिसके लिए शी जिनपिंग जिम्मेदार हैं.
कोरोना के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकीलों के दमन से जन साधारण रुष्ट है. कोविड-19 ने चीन की निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था की भी बुनियाद हिला दी है. टेंग बियाओ की मानें तो सोवियत संघ की तरह चीन सात देशों - शिनजियांग, मंचूरिया, हांगकांग, तिब्बत, चेंगदू, शांगशुंग और शंघाई में बंट जाएगा.